एनआरए के तहत निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य,अलग-अलग परीक्षाओं के स्थान पर होगी एक ही परीक्षा

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एनआरए के तहत निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य,अलग-अलग परीक्षाओं के स्थान पर होगी एक ही परीक्षा




एनआरए के तहत निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य,अलग-अलग परीक्षाओं के स्थान पर होगी एक ही परीक्षा

 

  मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही मध्यप्रदेश के युवाओं को नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया  कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के निर्णय को अमल में लाने और एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। ऐसा निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए आगे आयेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने एक और अनूठा एवं क्रांतिकारी निर्णय लिया है, जिसमें प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। एनआरए की मेरिट के आधार पर निर्धारित श्रेणियों में प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन की मंजूरी दी है। जिसके तहत एक परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों को कई पदों के लिये प्रतिस्पर्धा का मौका मिल सकेगा। श्री चौहान ने कहा कि इस अनूठी व्यवस्था के तहत युवाओं को अलग-अलग आवेदन और अलग-अलग फीस भरने से मुक्ति मिलेगी। अभ्यर्थियों के समय की बचत के साथ भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। 

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के हित में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित किए जाने का निर्णय भी स्वागत योग्य है। इसके द्वारा आयोजित परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी और प्रत्येक जिले में कम से कम एक परीक्षा केन्द्र अवश्य होगा। अब देश के युवाओं को एस.एस.सी., आर.आर.बी., आई.बी.पी.एस. की अलग-अलग परीक्षाओं के स्थान पर केवल एक ही परीक्षा सीईटी (कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट-सामान्य योग्यता परीक्षा) देनी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इससे देश के गांव और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं, बेटियों, दिव्यांगों को परीक्षा के लिए निरर्थक भागदौड़ और अनावश्यक व्यय से मुक्ति मिलेगी।  

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर की दिशा में ले जाने के लिये जो समेकित प्रयास किये जा रहे है, उसमें प्रदेश की शासकीय नौकरियां प्रदेश के युवाओं को ही देने का निर्णय लिया गया है। हमारी प्राथमिकता है कि मध्यप्रदेश के संसाधन मध्यप्रदेश के बच्चों के लिये ही हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो सपना संजोया है, उसे हम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को साकार रूप देकर प्रधानमंत्री के सपने को मूर्तरूप देंगे।

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