कोटेदार पर भड़के ग्रामीण धांधलेबाजी एवं अभद्रता करने का लगाए गंभीर आरोप

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कोटेदार पर भड़के ग्रामीण धांधलेबाजी एवं अभद्रता करने का लगाए गंभीर आरोप



कोटेदार पर भड़के ग्रामीण धांधलेबाजी एव एवं अभद्रता करने का लगाए गंभीर आरोप


 चुरहट।
कमर्जी थानांतर्गत ग्राम पंचायत बरिगवां के ग्राम बरिगवां में कोटेदार संतोष सिंह के द्वारा ग्रामीणों को 1 माह का राशन दिया जाता है और कागज पर एंट्री 2 माह का किया जाता है तथा ग्रामीणों से अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता है। 
ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार के द्वारा खाद्यान्न में धांधलेबाजी करते हुए गेंहू और चावल के सिवा कुछ भी नहीं दिया जाता है। शासन द्वारा मिलने वाले समस्त प्रकार के खाद्यान्नों से उन्हें वंचित रखा जाता है। 
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा चने, दाल व शक्कर इत्यादि भी दिए जाते हैं जिन्हें कोटेदार के द्वारा नहीं दिया जाता है।विरोध जताने पर कोटेदार संतोष सिंह द्वारा कहा जाता है कि शासन के द्वारा जितना आता है उतना दिया गया है। इस प्रकार से कोटेदार के द्वारा गरीबों का शोषण किया जाता है। ऐसा मौका पहली बार ही नहीं हुआ है। यह कार्य वह पहले से ही कर रहा है। ग्रामीणों के लिए सरदर्द बन चुके इस कोटेदार से बरिगवां गाँव की जनता परेशान हो चुकी है। कोटेदार संतोष सिंह का जब कोई भी व्यक्ति विरोध करने लगता है तो उसे वो यह कहकर भगा देता है कि 'तुम्हे मिल गया ना! अब जाओ।' अपना देखो नहीं देंगे जो करना है कर लेना। लोगों को दुत्कार कर भगा देना एक आम बात हो गई है।
दो माह के राशन के एवज पर एक माह का राशन उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें केवल गेंहू और चावल होता है, जो कि घुना हुआ व कंकड़ युक्त होता है। इतना ही नहीं ग्रामीणों के कथनानुसार तराजू में बाट 3 किलोग्राम चढ़ाया जाता है और राशन 2 किलो 500 ग्राम भी नहीं होता है। इन सभी समस्याओं से तंग आकर लोगों ने कल उग्र रूप धारण कर लिया। राशन लेने आये सभी ग्रामीण भड़क गए और कोटेदार को यथाशीघ्र हटाये जाने की मांग करने लगे।
इस विषय की जानकारी जब सरपंच के पति को दी गई तो वे पहुँचे और ग्रामीणों को ही समझाइश देते व शांत कराते नजर आए। परन्तु भड़के हुए ग्रामीणों का एक ही प्रश्न था कि जिस माह का राशन मिला ही नहीं तो उस माह का क्यों लिख दिया गया है ? और गेंहू व चावल के अलावा अन्य राशन जैसे शक्कर, चना तथा दाल इत्यादि कहाँ है? जो कि कभी नहीं मिलता। तब सरपंच के पति रामभिलाष पटेल द्वारा कोटेदार से जानकारी माँगी गयी व कोटेदार को समझाने का प्रयास करते नज़र आए। 
अब देखना ये है कि प्रशासन इस विषय पर कब और क्या संज्ञान लेता है? क्या कोटेदार संतोष सिंह पर कोई कार्यवाही होगी या नहीं ?

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