शर्मनाक: डिलीवरी के बाद महिला को जबरन किया अस्पताल के बाहर,घंटों रक्त स्त्राव एवं दर्द से तड़प रही प्रसव पीड़िता

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शर्मनाक: डिलीवरी के बाद महिला को जबरन किया अस्पताल के बाहर,घंटों रक्त स्त्राव एवं दर्द से तड़प रही प्रसव पीड़िता




शर्मनाक: डिलीवरी के बाद महिला को जबरन किया अस्पताल के बाहर,घंटों रक्त स्त्राव एवं दर्द से तड़प रही प्रसव पीड़िता


कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रसूता से अमानवीय दुर्व्यवहार


(✍️आर.बी.सिंह, राज) सीधी।

जिला चिकित्सालय प्रबंधन अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहा है नतीजा ये है कि लोगों की जानें जा रही हैं। आंकड़ों की मानें तो 15 दिन के अंदर लगातार मौतों का सिलसिला जारी है लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली हर दिन मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इंसानियत को शर्मसार करने वाले एक मामले में कल लेबर वार्ड से डिलीवरी के बाद गर्भवती महिला को जबरन बाहर कर दिया जहां वह घंटों पार्किंग गेट के सामने बैठी रही। बताया गया कि उक्त महिला कोरोनावायरस से संक्रमित पाई गई है।

ये है पूरा मामला:-

गोपद बनास तहसील की अंतर्गत पंड़खुरी निवासी बृजेश यादव ने अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा के चलते जिला चिकित्सालय के लेबर वार्ड में भर्ती करवाया था। बताया गया कि बीते बुधवार को दोपहर 1 बजे पीड़ित महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। वहीं 3 घंटे बाद महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आरोप है कि लेबर वार्ड के कर्मचारियों ने कोरोनावायरस से संक्रमित बताकर इस जननी को अस्पताल से बाहर कर दिया। 

रक्त स्त्राव के साथ किया बाहर:-

पीड़िता ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के उपरांत उसकी ब्लीडिंग भी बंद नहीं हुई और मुझे बाहर निकाल दिया, मैं कहां जाऊं। घंटों उक्त महिला अस्पताल परिसर में बाहर तड़प रही थी और नवजात शिशु रो रहा था जो रोंगटे खड़े कर देने वाला नजारा था। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती नहीं होने के लिए भेजना बता रहे हैं। सच्चाई जो भी हो लेकिन यह घटना एक सवाल जरूर खड़ा करती है कि आखिर कब थमेगा यह सिलसिला।

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