मझौली में माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का बोल- बाला,व्यवस्था बनाने में नहीं बिगाड़ने में तुले जिम्मेदार

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मझौली में माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का बोल- बाला,व्यवस्था बनाने में नहीं बिगाड़ने में तुले जिम्मेदार



मझौली में माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का बोल- बाला,व्यवस्था बनाने में नहीं बिगाड़ने में तुले जिम्मेदार


रवि शुक्ला, मझौली। 

जिले के मझौली उपखंड में विगत 2 वर्ष से माफियाओं व भ्रष्टाचारियों का दबदबा कायम है इन दिनो स्ट्रिक्ट प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों को कर्तव्य निष्ठा के साथ काम कर पाना असंभव हो गया है क्योंकि माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों के पहुंच, पकड़ एवं आर्थिक प्रभाव के कारण अधिकारी बौने साबित हो रहे हैं जिन्हें या तो साजिश का शिकार होना पड़ रहा है या डेरा जमाते ही उठाना पड़ रहा है। जो प्रशासनिक अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बनता ही जा रहा परंतु इसके साथ ही क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बनता जा रहा है। बता दें कि विगत 2 वर्ष से मझौली उपखंड की व्यवस्था गड़बड़ आई हुई है जिसे बनाने में नहीं और बिगाड़ने में जिम्मेदार अपनी महिती भूमिका निभा रहे हैं ।विदित हो कि हाल ही में मझौली उपखंड अधिकारी आनंद सिंह राजावत जिनको 1 वर्ष ही पदस्थ हुए नहीं हुआ होगा जिनकी प्रशासनिक कार्यवाही उन्हें टिकने नहीं दी जिन्हें सामंजस्य बनाए रखने के लिए तत्कालीन कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी द्वारा जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ कर दिया गया तथा उनके स्थान पर अनुभवी सुलझे हुए प्रमोटेड एसडीएम सुरेश अग्रवाल को मझौली पदस्थ कर दिया गया। इसी कड़ी में पुलिस थाना मझौली में पदस्थ सब इंस्पेक्टर शिवम दुबे जो पुलिस और लोगों के बीच आपसी सामंजस बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते थे तथा तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने में भी अपना विशेष सहयोग थाना प्रभारी को प्रदान किया करते थे ऐसे व्यक्तित्व के धनी सब इंस्पेक्टर को समय तक टिक पाना संभव नहीं हुआ अंततः उन्हें स्थानांतरण उद्योग का बरसात में ही दंश झेलना पड़ा। ऐसा ही ताजा मामला जनपद कार्यालय मझौली का सामने आया है जहां अभी दो-तीन माह पूर्व ही सतना जिले से स्थानांतरण पर पदस्थ हुए अस्वस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम एल प्रजापति जोकि जॉइनिंग के बाद 2 महीने तक मेडिकल पर रहे तथा लगभग 1 माह पूर्व ही अपने परिवार के साथ डेरा बिस्तर लेकर पहुंचे परंतु भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना शायद उनको महंगा पड़ा जिन्हें डेरा जमाते ही पुनः सोहावल सतना के लिए स्थानांतरण आदेश मंत्रालय द्वारा जारी कर दिया गया है। इस तरह का यह माहौल विगत 1--2 वर्षों से लगातार जारी है जो प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों के लिए परेशानियों का सबब बनता जा रहा है तथा इसी स्थानांतरण उद्योग का फायदा उठाते हुए माफिया , भ्रष्टाचारी , अवैध रूप से धंधा व्यापार करने वाले लोग लगातार फायदा उठा रहे हैं।

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