दूधवाला के बैंक खाते से 4 मिनट में उड़ा दिए 75 हजार रुपए, इस तरह हुआ धोखाधड़ी का शिकार

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

दूधवाला के बैंक खाते से 4 मिनट में उड़ा दिए 75 हजार रुपए, इस तरह हुआ धोखाधड़ी का शिकार



दूधवाला के बैंक खाते से 4 मिनट में उड़ा दिए 75 हजार रुपए, इस तरह हुआ धोखाधड़ी का शिकार



मुंबई के अंधेरी (पूर्व) इलाके के एक दूधवाले मोहन पटोले ATM कार्ड की धोखाधड़ी का शिकार हो गए और केवल 4 मिनट में उनके खाते से 75 हजार से अधिक रकम चली गई. उन्‍होंने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि मरोल नाका के एक एटीएम कियोस्‍क पर यह धोखाधड़ी हुई. वहां दो धोखेबाज पहले से मौजूद थे, जिन्‍होंने मेरे डेबिट कार्ड को एक बेकार कार्ड से बदल दिया.
मोहन पटोले ने बताया कि यह रकम वह बीते दो सालों से जमा कर रहा था ताकि अपनी बीमार पत्‍नी का इलाज करा सके. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों जालसाज किसी बड़े रैकेट का हिस्‍सा हो सकते हैं. इस आशंका को देखते हुए सावधानी से जांच- पड़ताल की जा रही है. सीसीटीवी फुटेज की जांच हो रही है, वहीं एटीएम कियोस्‍क के आसपास पूछताछ होगी. उन्‍होंने कहा कि कियोस्‍क में 3 कैश डिस्‍पेंसिंग और 1 पासबुक अपडेट मशीन है. मोहन पटोले जब दोपहर में एक राष्ट्रीयकृत बैंक के एटीएम कियोस्क में गए थे तब वहां पहले से ही दो अन्‍य लोगों ने उससे जल्‍दी रकम निकालने को कहा. जब पटोले का लेन-देन सफल नहीं हुआ तो उन्‍होंने एटीएम कियोस्‍क छोड़ दिया. लेकिन कुछ ही समय में उन्‍हें अपने बैंक खाते से किए गए कुल 75,024 रुपए के लेनदेन के 4 संदेश प्राप्‍त हुए.

जालसाजों के पास कई प्रकार के एटीएम कार्ड थे, पर इस पर ध्‍यान नहीं दिया 

मोहन पटोले ने कहा कि इन्‍हीं दोनों लोगों ने उनका एटीएम कार्ड, एक निष्क्रिय कार्ड से बदल दिया था. मोहन ने बताया कि ये दोनों लोग कई प्रकार के एटीएम कार्ड लेकर वहां मौजूद थे. इन लोगों ने ही जल्‍दबाजी करने को कहा और इन्‍हीं लोगों ने उनका एटीएम कार्ड बदला. उन्‍होंने कहा कि पहली निकासी दोपहर 1.49 बजे 50,000 रुपये की, दूसरी दोपहर 1.50 बजे 10,000 रुपये की, तीसरी 1.51 बजे 10,000 रुपये की और अंत में 1.52 बजे 5,024.78 रुपये की निकासी थी. इन मेसेज के बाद उन्‍होंने अपना एटीएम कार्ड जांचा परखा, लेकिन वह निष्क्रिय था. तब उन्‍हें याद आया कि कियोस्‍क में मौजूद लोगों ने शायद उनका कार्ड बदल दिया है. चूंकि मोहन का अपनी पत्‍नी की दवा खरीदने की चिंता थी, ऐसे में उस समय वे इन दोनों लोगों के बारे में ज्‍यादा नहीं सोच पाए थे.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ