cVIGIL App: आचार संहिता उल्‍लंघन की इस तरह करें रिपोर्ट,100 मिनट में देगा स्‍टेटस अपडेट

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cVIGIL App: आचार संहिता उल्‍लंघन की इस तरह करें रिपोर्ट,100 मिनट में देगा स्‍टेटस अपडेट



cVIGIL App: आचार संहिता उल्‍लंघन की इस तरह करें रिपोर्ट,100 मिनट में देगा स्‍टेटस अपडेट


Loksabha Election 2024: 
चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार इस बार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे, जिसकी गिनती 4 जून को होगी। वर्तमान सरकार का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
इसके तहत राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, चुनाव प्रत्याशियों को नई योजनाओं की घोषणा करने या जाति के आधार पर एक-दूसरे की आलोचना करने से प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा अब वे सांप्रदायिक भावनाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे या मतदाताओं को मुफ्त उपहार नहीं दे सकते। टेक्नोलॉजी के इस दौर में यह ऐप भी निगरानी करेगा। आइये समझते हैं कि यह ऐप क्या है, कैसे काम करता है और यह आचार संहिता के उल्लंघन को किस तरह से ट्रैक करके रिपोर्ट करेगा।

आईओएस और एंड्रायड दोनों पर उपलब्ध है cVIGIL App


सीविजिल ऐप का पूरा नाम विजिलेंट सिटीजन है। यह देश के सभी नागरिकों को निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने का अधिकार देता है। यह iOS और Android दोनों डिवाइस पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। यदि यूजर्स चाहें तो गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

यूजर्स के स्थान का ऑटोमेटिक लगाएगा पता

आचार संहिता के उल्लंघनों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने सीविजिल ऐप पेश किया है। यह यूजर फ्रेंडली ऐप नागरिकों को इमेज, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग अपलोड करके उल्लंघन की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है। ऐप ऑटोमेटिक रूप से यूजर्स के स्थान का पता लगाता है।

जुटाता है डिजिटल साक्ष्य

इस ऐप को चुनाव अधिसूचना की तारीख से ही आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह शिकायतकर्ता के स्थान डेटा के साथ लाइव फ़ोटो/वीडियो कैप्चर करता है, जिससे त्वरित कार्रवाई के लिए डिजिटल साक्ष्य सुनिश्चित होता है।

इस तरह cVIGIL App ऐसे काम करता है:


स्टेप 1:
 जब कोई यूजर आचार संहिता के उल्लंघन का एक फोटो खींचता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करता है और इसे ऐप पर अपलोड करता है तो यह ऐप एक्टिव हो जाता है। यह जीआईएस से ऑटोमेटिक मैप करेगा। जगह का पता लगाएगा। शिकायत दर्ज करने के बाद यूजर्स को शिकायत की स्टेटस पर नज़र रखने और आगे की कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करने के लिए मोबाइल पर एक विशिष्ट आईडी प्राप्त होती है। यूजर इस तरीके से कई घटनाओं की रिपोर्ट भी कर सकता है और आगामी अपडेट के लिए प्रत्येक रिपोर्ट के लिए एक विशिष्ट आईडी प्राप्त करेगा।

स्टेप 2:
शिकायत किए जाने के बाद इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष तक पहुंचती है और एक फील्ड यूनिट को सौंपी जाती है, जिसमें फ्लाइंग स्क्वाड और निगरानी टीमें शामिल होती हैं। ये इकाइयां स्थान पर नेविगेट करने और कार्रवाई करने के लिए 'सीविजिल इन्वेस्टिगेटर' नामक एक मोबाइल ऐप का उपयोग करती हैं।

स्टेप 3:
एक बार जब फील्ड यूनिट शिकायत का जवाब देती है, तो वे रिटर्निंग ऑफिसर को इन्वेस्टिगेटर ऐप के माध्यम से एक फील्ड रिपोर्ट भेजते हैं। यदि शिकायत सत्यापित हो जाती है, तो इसे चुनाव आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भेज दिया जाता है। और नागरिक को 100 मिनट के भीतर स्थिति की जानकारी दी जाती है।


 वेबसाइट पर देख सकते हैं स्टेटस 

सीविजिल ऐप में नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए कई सुविधाएं हैं। यह केवल चुनावी आचार संहिता के उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए है। इसमें किसी भी गुमनाम शिकायत को कोई स्थिति अपडेट नहीं मिलता है। पंजीकृत यूजर पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर स्टेटस अपडेट भी देख सकते हैं।


इन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क

यह ऐप उप-चुनाव/विधानसभा/संसदीय चुनावों की अधिसूचना की तारीख से सक्रिय हो जाता है। उल्लंघनों से संबंधित या व्यक्तिगत प्रकृति की शिकायतों को ख़ारिज किया जा सकता है। नागरिकों को अन्य प्रकार की शिकायतों के लिए चुनाव आयोग की मुख्य वेबसाइट का उपयोग करने या राष्ट्रीय संपर्क केंद्र 1800111950 या राज्य संपर्क केंद्र 1950 पर कॉल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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