मड़वास में आरएसएस शताब्दी वर्ष पर पथ संचलन,राष्ट्रभक्ति का संदेश गूंजा, अनुशासन-समरसता की मिसाल
मझौली
संघ के शताब्दी वर्ष पर बुधवार को मड़वास में आरएसएस का पथ संचलन निकला। पहली बार मड़वास में सैकड़ों संख्या संचलन में दिखी। स्वयंसेवकों की अनुशासन की कदमताल के बीच जिन मार्गों से संचलन निकला वहां पर फूलों की बारिश कर स्वागत किया गया । साथ ही संचलन के लिए सडकों पर मड़वास पुलिस की बेहतर व्यवस्था रही। चारों तरफ नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे की गूंज रही। बच्चों से लेकर बुजूर्ग तक के स्वयंसेवक संचलन में शामिल हुए। मड़वास हायर सेकंडरी स्कूल से संचलन शुरू हुआ जो बाजार से होते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा जहां समापन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता जिला प्रचारक शुभम जी ने कहा कि संघ ने 100 वर्ष पूर्ण कर लिए है। संघ को अनुशासन के रूप में जाना जाता है। ये 100 वर्ष के बाद संभव हुआ है। हिंदू समाज शक्ति की आराधना करने वाला समाज है। आरएसएस का काम ईश्वरीय काम है। विजयादशमी पर्व विजय एवं शक्ति की आराधना का पावन पर्व है, जो हमें सशक्त होकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करता है। इसी पवित्र पर्व पर अपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य प्रारम्भ होकर 100 वर्ष पूर्ण हो रहे है। विश्व शांति और मानव कल्याण का उद्देश्य लेकर सदियों से हिन्दू समाज की चल रही प्रदीर्घ यात्रा का ही यह रूप है। विजयादशमी रावण के अंत का दिन नहीं था वह असत्य पर सत्य की विजय का दिन था। कलयुग में संगठन की शक्ति ही प्रमुख है। समाज संगठित रहेगा तभी सुरक्षित है। संघ के शताब्दी वर्ष का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि संघ के कार्य कभी खत्म नहीं होते हैं, ये राष्ट्रहित में जारी रहते है।

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