MP में 'कफ सिरप' के कारण 11 बच्चों की मौत: CM ने दवा पर लगाया बैन, डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज

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MP में 'कफ सिरप' के कारण 11 बच्चों की मौत: CM ने दवा पर लगाया बैन, डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज



MP में 'कफ सिरप' के कारण 11 बच्चों की मौत: CM ने दवा पर लगाया बैन, डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज



भोपाल

कोल्ड्रिफ कफ सिरप से देश भर में कई बच्चों की मौत हो गई है। अकेले मध्य प्रदेश में सिरप पीने से 11 बच्चों की जान चली गई। इस घटना के बाद राज्य सरकार के भी कान खड़े हो गए।

सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप समेत कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। वहीं, कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मध्य प्रदेश पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को छिंदवाड़ा के परासिया से गिरफ्तार किया है। डॉक्टर सोनी परासिया के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ हैं। वैसे तो वो सरकारी डॉक्टर हैं, लेकिन उनका अपना प्राइवेट क्लीनिक भी है। क्लीनिक पर आने वाले बच्चों की दवाईयों में ही उन्होंने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पिलाने का सुझाव दिया था।

सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अधिक

मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। सरकार ने इससे पहले पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप बेचने पर पाबंदी लगा दी थी। बता दें कि इस सिरप में 48.6 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है, जो वास्तव में महज 0.1 प्रतिशत होना चाहिए।

पीड़िता परिवार ने सुनाई आपबीती

पीड़ित परिवारों के अनुसार, बच्चों को सर्दी, जुकाम और बुखार हो रहा था। वो बच्चों को डॉक्टर के पास ले गए, जहां डॉक्टर ने दवाई के साथ कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने का सुझाव दिया था। इसके कुछ दिन बाद ही बच्चों की तबीयत और भी ज्यादा खराब होने लगी। उनकी टॉयलेट में बीमारी के लक्षण दिखने लगे। बच्चे किडनी इंफेक्शन का शिकार हो गए और आखिरकार उनकी मौत हो गई।

एमपी सीएम ने दिए आदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को भयावह बताते हुए कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन जताया है। कफ सिरप बनाने वाली कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है, जिसकी जांच की जा रही है।

 सरकारी चिकित्सक गिरफ्तार, कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज:

मध्य प्रदेश सरकार ने 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दवा के नमूनों में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है।
जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से दो छिंदवाड़ा शहर से, एक चौरई तहसील से और 11 परासिया उप-संभाग से थे।
पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ को परासिया में 11 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

उन्होंने बताया कि कंपनी और डॉ. प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ. सोनी यहां सरकारी चिकित्सक होने के बावजूद एक निजी क्लिनिक चलाते थे और उन्होंने सिरप लेने का परामर्श दिया था।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोतवाली पुलिस की एक विशेष टीम ने डॉ. सोनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शनिवार देर रात छिंदवाड़ा के राजपाल चौक से उन्हें गिरफ्तार किया।

उन्होंने कहा, ''चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने लापरवाही भरा रवैया दिखाया और लगभग एक महीने तक बच्चों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के बाद भी दवा लिख दी।''

पांडे ने 'भाषा' को बताया कि सिरप की आपूर्ति करने के लिए निर्माता कंपनी पर भी जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक आदेश में कहा, ''मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।''
आदेश में कहा गया है कि सोनी को जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
मुख्यमंत्री यादव ने शनिवार देर रात कहा था कि राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है और मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी एवं चिकित्सक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 276 (औषधियों में मिलावट), धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 27 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जहरीली दवा पर सीएम ने लगाया बैन

मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर चल रहीं थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई हैं। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। कार्रवाई

डिप्टी सीएम ने भी दिया सख्त संदेश

राज्य सरकार ने प्रभवित परिवारों को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिए है। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। औषधियों की गुणवत्ता से कोई समझौता स्वीकार्य नहीं हैं। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा। आमजन को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय औषधियां उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

तमिलनाडु खाद्य विभाग का खुलासा: खांसी की दवा के नमूनों में पाई गई मिलावट

 तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि चेन्नई स्थित एक फार्मा कंपनी के परिसर से लिए गए खांसी की दवा के नमूनों में मिलावट पाई गई है। अधिकारी ने कहा कि विभाग ने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे अपने संयंत्र में उत्पादन तत्काल रोकने का निर्देश दिया है। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने 'कोल्ड्रिफ' ब्रांड की खांसी की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाजार से इसके सभी स्टॉक हटाने के आदेश दिए थे। तमिलनाडु सरकार की ओर से यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत के बाद उठाया गया है। इन बच्चों की मौत कथित रूप से इस कफ सिरप के सेवन से हुई है। अधिकारी ने बताया कि 1 अक्तूबर से इस खांसी की दवा की बिक्री पर पूरे तमिलनाडु में रोक लगा दी गई है।

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