Sidhi News: बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत अधिकारियों की नियुक्ति,रोकथाम के निर्देश जारी
सीधी
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 (2007 का संख्यांक 06) की धारा 16(1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य शासन द्वारा प्रदेश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जारी आदेशानुसार जिला स्तर पर सभी जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, तहसील स्तर पर सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा विकासखण्ड स्तर पर सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी होंगे।
बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्ययोजना
कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने निर्देशित किया है कि आंगनवाड़ी स्तर पर 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं तथा 21 वर्ष से कम आयु के बालकों की सूची तैयार की जाए। साथ ही जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए। विवाह में सेवा प्रदान करने वाले जैसे प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटर्स, धर्मगुरु, बैंडवाले, ट्रांसपोर्ट संचालक, समाज के मुखिया, जनप्रतिनिधि एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संवेदीकरण कार्यशालाओं के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि वे बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध में अपनी सेवाएं न दें।
सूचना एवं नियंत्रण व्यवस्था
बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही हेतु जिला स्तर पर वन स्टॉप सेंटर, सीधी में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका दूरभाष क्रमांक 07822-251144 है तथा प्रभारी प्रशासक श्रीमती मंजुला तिग्गा हैं। इसके अतिरिक्त बाल विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी दी जा सकती है।
विकासखण्ड स्तर पर संपर्क के लिए निम्न अधिकारी नियुक्त किए गए हैं कृ रामपुर नैकिन (01 एवं 02)- श्री शिवानन्द शुक्ला, सीधी (01)- श्री शेष नारायण मिश्रा, सीधी (02) - श्रीमती ममता सिंह, सिहावल- श्रीमती अनुसुईया बाजपेई, मझौली- श्रीमती ज्योति विश्वकर्मा एवं कुसमी- श्रीमती माया गिरी गोस्वामी को नियुक्त किया गया है।
सघन जनजागरूकता अभियान
कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह रोकथाम के लिए सुझावात्मक गतिविधियों को गति दी जाए। इसके तहत हेल्पलाइन 181, 1098 और 112 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाल विवाह रोकथाम रैलियाँ आयोजित होंगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत के पंच, सरपंच और सचिव बाल विवाह न होने देने की शपथ लेंगे तथा यह शपथपत्र पंचायत भवनों एवं सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा किए जाएंगे।
इसके साथ ही स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप एवं दीवार लेखन के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गठित बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा जिले में होने वाले संभावित बाल विवाहों पर सतत निगरानी रखी जाएगी। प्राप्त किसी भी सूचना पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत तत्काल सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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