जानिए आप अपने बच्चों को ठंड (सर्दी)से कैसे बचा सकते हैं, क्या उपाय करें कि बच्चा बीमार न पड़े

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जानिए आप अपने बच्चों को ठंड (सर्दी)से कैसे बचा सकते हैं, क्या उपाय करें कि बच्चा बीमार न पड़े




इंडिया न्यूज24

जानिए आप अपने बच्चों को ठंड(सर्दी) से कैसे बचा सकते हैं, जानिए उपाय


बच्चों को ठंड जल्दी लगती है क्योंकि बड़ों की तरह बच्चों का इतना विकसित शरीर नहीं हो पाता है ,कि ठंड के दिनों में पूरी दक्षता से अपने शरीर के तापमान को बच्चे नियंत्रित कर सके इसी कारण से ठंड के दिनों में बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते हैं ।अगर बच्चे की देखभाल अच्छे से नहीं की गई तो बच्चा न सिर्फ बीमार पड़ेगा बल्कि उसके लिए हम्पोरिया का खतरा भी बढ़ सकता है।

बच्चों को कई परत के कपड़े पहनाएं :- 

अपने बच्चों को ठंडी में कई पास कपड़े पहनाए कई परत कपड़े पहनने से ठंड से बचने में और उसके शरीर की गर्मी को बरकरार रखने में ज्यादा सक्षम होते हैं । इस बात का ध्यान रखें कि आपका छोटा बच्चा सिर से पांव तक अच्छे से ढंका रहे अगर उसके शरीर का कोई हिस्सा खुला रहेगा तो उस जगह से उसे शरीर की गर्मी निकल जाएगी।

नुकसानदेह कपड़ों से बचाएं:- 

जब जाने अनजाने में हम कई बार ठंडी के दिनों में बच्चों को ऐसे कपड़े पहना देते हैं, जिसकी वजह से बच्चों की तकलीफ बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए छोटे बच्चों के लिए बाजार में ऐसी टोपी आती है, इससे बच्चों का सिर और कान ठंड हवाओं से बचाया जा सके, लेकिन बाजार में ही कुछ ऐसी टोपियां होती है , जिन्हें बाधने के लिए रस्सी का इस्तेमाल होता है। अगर ध्यान ना दिया जाए तो इससे बच्चे को घुटन भी हो सकता है।

बच्चे को प्रत्येक दिन नहलाना आवश्यक नहीं :- 

(1) शिशुओं (1 महीने तक) के दो-तीन दिन छोड़कर नहलाना चाहिए इतने छोटे बच्चों को रोजाना गर्म पानी कपड़ों को भिगोकर शरीर को पोंछ सकते हैं। तथा इससे बड़े बच्चों को तो रोज नहलाना आवश्यक है ,अगर बच्चे को सर्दी जुकाम है तो 1 दिन छोड़कर भी नहला सकते हैं प्रतिदिन नहलाने से बच्चे कीटाणुओं से दूर रहते हैं।

(2) बच्चे को किसी बंद जगह (बाथरूम) में नहलाना चाहिए ताकि नहलाते समय हवा न लग सके। अगर धूप में नहलाना चाहते हैं तो धूप शीशे से आनी चाहिए।खिड़की दरवाजा खोलकर नहलाने से हवा लग सकती।

(3) बच्चे के रोजाना 10 - 15 मिनट तक मालिश जरूर करें इससे बच्चे के शरीर और जोड़ मजबूत होते हैं मालिश बादाम तेल , जैतून और बच्चों के तेल से भी मालिश कर सकते हैं।

(4)बच्चों का मालिश हमेशा नीचे से ऊपर करनी चाहिए क्योंकि खून के दौरे को दिल की तरफ ले जाना चाहिए । पैरों और हाथों पर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें, साथ ही दोनों हाथों को सीने के बीच में रखकर दोनों दिशाओं में दिल बनाते हुए मालिश करें।


बच्चों को मौसमी फल और सब्जियां खिलाएं :-

(1)एक साल तक के बच्चों को मां के दूध के अलावा फाम्र्यर्ला मिल्क दें। तथा 2 साल के बच्चे को फुल क्रीम दूध दें। यह दूध बच्चे के दिमाग और आंखों के विकास के लिहाज से बहुत अहम है।
(2)बच्चों को मौसमी सब्जियां अवश्य खिलाएं बच्चों को कोई भी फल कभी भी खिला सकते हैं।बच्चों को ठंड में संतरा भी खिलाया जा सकता है इससे बच्चों को विटामिन - सी मिलती है तथा ताजा दही भी खिला सकते हैं। दही फ्रिज में रखा नहीं होना चाहिए ,हालांकि आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मानते हैं कि दही ,चावल, केला आदि बच्चों को ठंड(सर्दी) में नहीं देना चाहिए।
(3)प्रत्येक दिन एक खजूर तीन से चार किसमिस खिला सकते हैं । तथा केसर या शहद  की चार से पांच बंदे भी दे सकते हैं।
(4)संतरा, सेब, चीकू, अनार आदि फल खिलाया जा सकता है।
(5)बच्चों को पराठे, पूड़ी आदि कम मात्रा में दें क्योंकि बच्चे को  घी पचाना आसान नहीं होता है।

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