आँगनवाड़ी कार्यकर्ता "खबरे आंगन" की न्यूज ग्रुप के माध्यम से हितग्राहियों को दे रही समझाईश

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आँगनवाड़ी कार्यकर्ता "खबरे आंगन" की न्यूज ग्रुप के माध्यम से हितग्राहियों को दे रही समझाईश



आँगनवाड़ी कार्यकर्ता "खबरे आंगन" की न्यूज ग्रुप के माध्यम से हितग्राहियों को दे रही समझाईश
 

भोपाल।

कोरोना लॉकडाउन के इस दौर में सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग मंदसौर जिले के सुलतानपुर सेक्टर की आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने 'खबरे आंगन की' न्यूज ग्रुप के माध्यम से हितग्राहियों तक आवश्यक जानकारी पहुँचाने के लिए किया है।

सुल्तानपुर सेक्टर की महिला-बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक सुश्री ज्योति नवहाले ने बताया है कि लॉकडाउन में आँगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों और महिलाओं की उपस्थिति प्रतिबंधित होने से हमारी जिम्मदारी और लोगों की हमसे अपेक्षा बढ़ गई। इस स्थिति में आंगनवाडी केन्द्र के हितग्राहियों तक महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये सोशल मीडिया को माध्यम बनाया गया है। आज लगभग 60 से 70 प्रतिशत लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं। हमने 17 गाँव के 31 आँगनवाड़ी केन्द्रों तक उनसे संबंधित खबरे पहुँचाने के लिए 31 आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने मिलकर 'खबरें आंगन की' नामक न्यूज ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में उन सभी को जोड़ा गया जिसके पास स्मार्ट फोन थे। इसमें आँगनवाड़ी में टीका कब और कितने बजे लगेगा, सत्तु वितरण कब होगा, फीवर क्लीनिक कितने बजे से कितने बजे तक खुले रहेंगे, गाँव में आशा कार्यकर्ता दवाई वितरण कब करेगी, दूरदर्शन पर 8वीं एवं 10वीं की क्लास कितने बजे से कितने बजे तक लगेगी आदि की जानकारी हितग्राहियों तक पहुँचाई जा रही है। साथ ही इस ग्रुप के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की जानकारी जैसे गाँव में कोई बीमार हो तो संजीवनी टेली हेल्थ सेवा का उपयोग टोल फ्री नम्बर पर कैसे करें जैसे महत्वपूर्ण संदेश भी गाँव में भेजे जा रहे है।

पर्यवेक्षक सुश्री ज्योति ने बताया कि खबरें आंगन की न्यूज ग्रुप के माध्यम से मंदसौर जिले में कोरोना की स्थिति, कलेक्टर के निर्देश, दूध, सब्जी-फल, राशन की दुकानों के खुलने का टाइम-टेबल आदि सूचनाएँ भी हितग्राहियों तक पहुँच रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के पात्र हितग्राहियों को भी इन ग्रुपों के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज व्हाटस एप पर मंगवाए जा रहे है। ज्योति कहती है कि हर ग्रुप में वह कार्यकर्ता के साथ एडमिन है। अगर कोई आँगनवाड़ी कार्यकर्ता संदेश न दे सके तो पर्यवेक्षक दे सकेगा।

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