विजयवाड़ा से आया व्यक्ति निकला कोरोना पॉजिटिव, जिले में कोरोना के 3 एक्टिव केस

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विजयवाड़ा से आया व्यक्ति निकला कोरोना पॉजिटिव, जिले में कोरोना के 3 एक्टिव केस




विजयवाड़ा से आया व्यक्ति निकला कोरोना पॉजिटिव, जिले में कोरोना के 3 एक्टिव केस


बाहर से आने वालों की असावधानी के चलते हो सकता है संक्रमण का विस्फोट


सीधी।

         मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मिश्रा ने बताया कि दिनांक 02.07.02020 को प्राप्त सैम्पल जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उक्त व्यक्ति जमोड़ी तिराहा के पास का रहने वाला है। यह विजयवाड़ा आन्ध्रप्रदेश में एन0डी0आर0एफ0 में कार्य करता है। विजयवाड़ा से पिकअप द्वारा बंगलोर आया वहां से फ्लाइट द्वारा प्रयागराज पहुंचा। सीधी से गाड़ी बुलाकर प्रयागराज से अपने गृह ग्राम 27.06.2020 पहुंचा। यहां पहुंचने पर फीवर क्लीनिक में स्कीनिंग कराया जाकर होम क्वारेंटाइन में रखा गया था। 30.06.2020 को इसका सेम्पल लिया गया जिसमें पॉजिटिव पाए जाने पर कोविड हेल्थ सेन्टर जी०एन०एम० प्रशिक्षण केन्द्र में 14 दिवस के लिए भर्ती करा दिया गया है एवं इनके परिजनों को क्वारेंटाइन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल कोरोना एक्टिव केसों की संख्या 3 हो गयी है। 

           मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 ने पूरी दुनिया के लगभग 2 सौ देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। अकेले भारत में 6 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। आज कि स्थिति में 2 लाख से अधिक एक्टिव केस भारत में है, और यह आँकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शहरी क्षेत्र के अलावा अब यह कम्युनिटी स्प्रेड ग्रामीण अंचलों में भी फैलना शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के फैलने का सबसे बड़ा कारण है अन्य प्रदेश तथा अन्य जिलों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों द्वारा सही जानकारी नहीं देना और क्वारेंटाइन अवधि का पालन नही किया जाना। जो भी व्यक्ति या श्रमिक अन्य जिलों, अन्य प्रदेशों से अपने गृह क्षेत्र वापस आ रहे सबसे पहले उनकी जानकारी, ट्रेवल हिस्ट्री का पता लगाना शासन के आधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चुनौती बन गया है। आम तौर पर वह प्रवासी व्यक्ति अपनी जानकारी सच नहीं बताते जब उनसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उनकी ट्रेवल हिस्ट्री पूंछते हैं तो वे अनजान भय के कारण गलत जानकारी देकर शासन को भ्रमित करते हैं। जिससे उनके आने की सही जानकारी नही मिल पाती। बाहर से आने वाले व्यक्ति या श्रमिकों के द्वारा जाने अनजाने में असावधानी के चलते यह वायरस तेजी से फैल रहा है। 

         मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा ने बताया कि बीते दिनों ऐसे प्रकरण सामने आये हैं जब गृह ग्राम आने की जानकारी पूंछी गई तो कभी अन्य स्थान से तो कभी अन्य प्रदेश से आना बताया जाता रहा। जब स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय कर्मचारियों को ऐसे लोगो पर शक होता है तो उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए उनका कोरोना सैंपल जांच के लिए भेजा गया। फिर जब रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तब तक ऐसे व्यक्ति कई लोगों के संपर्क में आ चुके होते है। इसी बीच अपने पास-पड़ोस के सामाजिक आयोजनो में भी शामिल होकर इस नासमझी के कारण बड़े-बूढ़े, छोटे बच्चों समेत आधा सैकड़ा लोगों को कोविड-19 के खतरे में डाल देते हैं। ब्लाक तथा जिले के आला अधिकारियों कि सजगता से प्राथमिक संपर्क सूची के अनुसार उक्त प्रकरणों में संबंधितों के परिजनों सहित 20-25 सेम्पल तत्काल कराए जाते हैं। बाद में रिपोर्ट निगेटिव आने पर क्षेत्रवासी राहत की सांस ले पाते है। ऐसे मामलो में कुछ गलतियां और कुछ सावधानियां सामने आई हैं। गलती यह रही कि ऐसे व्यक्तियों को अन्य स्थान से आने के बाद क्वरेंटाइन में रहना चाहिए था लेकिन वे बिना आपत्ति के खुद के घर में रह रहे थे। जिस पर स्थानीय लोगो एवं जिम्मेदार कर्मियों ने उसे रोका नहीं और न ही क्वरेंटाइन सेंटर पर जाने के लिए जोर दिया। जिससे वे अपनी सुविधानुसार पूरे गांव में घूमते रहे। सावधानी यही रही कि स्थानीय स्वास्थ्य अमले ने मामले की गंभीरता को देखते हुए समय पर उनकी कोरोना जांच कराने का प्रयास किया। जिससे स्थिति स्पष्ट हो गई। यदि ऐसे पॉजिटिव पाए जा रहे लोगो के संपर्क में आये लोग भी पॉजिटिव निकल जाते तो निश्चित ही कोरोना शासन द्वारा अपने स्तर पर सख्ती से बाहर से आने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों से पूँछ-तांछ करवाकर क्वारेंटाइन करवाया जाता है, और उनका डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। लेकिन जो लोग चोरी छिपे अपने गृह ग्राम पहुंच रहे हैं और जानकारी नही देते हैं, घर से गायब हो जाते है और संपर्क में नही आते उन्ही लोगों के कारण कम्युनिटी स्प्रेड होने की संभावना बढ़ती जा रही है। उनकी इस चूक का खामियाजा सभी को भोगना पड़ सकता है। बाहर से आने वाले लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर जो टीम सर्वे कर रही है उसे स्थानीय लोगों के द्वारा सहयोग एवं सुरक्षा प्रदान किया जाना चाहिए।

            कई बार स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम के साथ विवाद की स्थिति भी आ जाती है जो लोग बाहर से आते हैं वह सही जानकारी नही बताते जिससे उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कोरोना को लेकर आज हमारा देश अन्य देशों के मुकाबले में काफी हद तक ठीक है, फिर भी मामला अब लाखो में पहुंच गया है और लगातार संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। इस बढोत्तरी में वो तबका शामिल है जिसे कोई नाम नही दिया जा सकता। वे ऐसे लोग होते है जिन्हे स्वयं कि परवाह तो रहती नही साथ ही स्वयं के परिजनों की भी कोई चिंता नही। ग्रामीण अंचलों में इस कम्युनिटी स्प्रेड को रोकने हेतु स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग तथा कोविड-19 में ड्यूटी कर रहे हमारे कोरोना वारियर्स तत्पर हैं। यदि समय रहते इन प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सके साथ ही कुछ लक्षण होने पर जल्द ही सेंपलिग कराया जाए तो स्थिति नियंत्रित रही आयेगी। क्योकि क्वारेटाइन व्यक्ति पॉजिटिव होने पर घातक वायरस अन्य लोगो तक नहीं पहुंचा पाएगा।

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