रेल्वे विभाग ने रेत ठेकेदार के मंशूबो पर फेर दिया पानी अब इस जगह से नही निकल पायेगा रेत

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रेल्वे विभाग ने रेत ठेकेदार के मंशूबो पर फेर दिया पानी अब इस जगह से नही निकल पायेगा रेत



रेल्वे विभाग ने रेत ठेकेदार के मंशूबो पर फेर दिया पानी अब इस जगह से नही निकल पायेगा रेत

महत्वपूर्ण लिंक:- 👉अटल बिहारी वाजपेयी


(संतोष तिवारी)सीधी/कुसमी।

जबसे ग्राम पंचायतो की जगह कम्पनियों को रेत की लीज दी गयी है तभी से गाँव गाँव तक विरोध के मुखर तेज होते जा रहे हैं बीते वर्षों में जिस रेत की निकासी सितम्बर माह से गाँव गाँव तक शुरु हो जाती थी लेकिन इस वर्ष अक्टूबर माह समाप्त होने को है नवम्बर माह आने को है दिनों दिन सैनिक फ्रूड कम्पनी के प्रति लोगों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है ऐसा ही मामला सामने आया है गोतरा का जहाँ जमकर ग्रामीणों का विरोध तो है ही रेलवे विभाग की जमीन से करीब 1 किलो मीटर तक कि दूरी तय करके रेत नदी खदान तक जाने वाली मार्ग पर रेल्वे प्रशासन ने कल से ही रास्ते को बन्द कर दिया है रास्ते को छोटे छोटे मजबूत खम्भे के पोल के सहारे बन्द कर दिया गया है साथ ही रेल्वे विभाग ने अपने कर्मचारियों को भी मौजूद कर दिया है जिसके बाद से रेत ठेकेदार की मुश्किल अब जरूर बढ़ गई है ज्ञात हो कि रेत खदान वाले रास्ते का अधिकांश हिस्सा रेल्वे विभाग की जमीन से गुजरता है जिसमे रेत निकासी रास्ता सहित 1अंडर ग्राउंड पुल भी पड़ता है जिसको रेल्वे विभाग ने रोक दिया है सैनिक फ्रूड कम्पनी को जबसे गोतरा खदान की जिम्मेदारी दी गयी है तभी से गोतरा के ग्रामीण जनो द्वारा भी जमकर विरोध किया जा रहा है दूसरी ओर शंकरपुर भदौरा के ग्रामीण जन भी इसी ताक में बैठे हुए हैं कि अगर रेलवे विभाग रेत ठेकेदार के लिए गोतरा  रास्ता अगर खोलता है तो भदौरा शंकरपुर गाँव मे रेलवे के उत्तर एवम दक्षिणी ट्रैक पर 500 से ज्यादा की आबादी वाले बन्द रास्ते को भी खोलना ग्रामीणों के सामने बड़ी चुनौती होगी शकंरपुर भदौरा के हजारो ग्रामीण मौके का इंतजार कर रहे हैं शकंरपुर भदौरा 
के ग्रामीणों ने मीडिया को बताया की रेलवे विभाग अगर रेत ठेकेदार को रेत निकासी के लिए रास्ता खोलता है तो हम लोग भी बन्द रास्ते को खोलवाने आगे आएंगे इसके लिए चाहे हम लोगों को उग्र आंदोलन ही क्यों न करना पड़े ऐसे में अब एक तरफ कुँआ, एक तरफ खाईं वाली कहावत जरूर फिट बैठ रही है वहीं केंद्र सरकार की अधीन रेलवे विभाग ने कुछ नए नियम भी बनाये हैं जिसमें रेल्वे विभाग की जमीन और स्टेशन के आसपास कब्जा करना मुश्किल होगा क्योंकि रेल्वे अपनी संपत्ति की निगरानी कर रही है ।

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पोंड़ी में भी विरोध,यहां सड़क मार्ग का हो रहा निर्माण-----------

गोतरा के बगल गांव पोंड़ी(बजबई )में भी रेत ठेकेदार के प्रति ग्रामीणों का गुस्सा बरकरार हैं रेत निकासी के विरोध में गाँव के सैकड़ो ग्रामीण जन लामबंद होकर इसकी शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष राज भैया से भी कर चुके हैं साथ ही यहाँ प्रधानमंत्री सड़क योजना से पक्की सड़क निर्माण कार्य के साथ 2 पुलों का कार्य चल रहा है जिससे यहां से रेत कुछ महीनों तक निकलना आसान नही है

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