सीधी जिले के कोविड कर्मचारी घर बैठे लेते हैं सैलरी, 235 में केवल 35 करते हैं काम

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सीधी जिले के कोविड कर्मचारी घर बैठे लेते हैं सैलरी, 235 में केवल 35 करते हैं काम




सीधी जिले के कोविड कर्मचारी घर बैठे लेते हैं सैलरी, 235 में केवल 35 करते हैं काम




 सीधी।
कोविड-19 के कर्मचारियों को बढ़ते कोरोनावायरस के मद्देनजर मध्य प्रदेश सरकार ने 3 महीने के लिए कोरोना वारियस का नाम देकर भर्ती किया गया था। बढ़ते कोरोना मरीजों के कारण शासन ने कोविड-19 के कर्मचारियों को अग्रिम 3 महीना के लिए बढ़ा दिया गया था। कोरोना काल के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएल वर्मा का स्थानांतरण जबलपुर के लिए कर दिया गया। सीएमएचओ डॉ. वर्मा के ट्रांसफर होते ही कोविड-19 के  कुछ कर्मचारी मनमानी पर उतारू हो गए थे। जहां इन कर्मचारियों का लापरवाही तथा तानाशाही रवैया भी कई बार उजागर हुआ है। इनकी तानाशाही यहां भी नहीं रुकी नतीजा यह रहा कि जिले में 235 कोरोना वारियस के रूप में कर्मचारी की भर्ती हुई थी। जहां देखा जाए तो वर्तमान समय में 35 कर्मचारी ही ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, बाकी कर्मचारी अपनी पहुंच और पकड़ बताकर घर बैठे सैलरी ले रहे हैं जिससे शासन को महीने का लाखों रुपए का चूना लगता है। 
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि हम लोग संगठन बना लिए हैं अगर हमको बाहर निकाला जाता है तो हम काम बंद कर देंगे जहां शासन को हमको मजबूरन रखना पड़ेगा। 

ड्यूटी से नदारद मिलते हैं कर्मचारी

उल्लेखनीय है कि जिले भर के फीवर क्लीनिक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर एल वर्मा के निरीक्षण के दौरान 70% कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। हालात ये हैं कि सैकड़ों कर्मचारी तानाशाही रवैया अपना कर घर बैठकर सैलरी लेते हैं जहां अब शासन ने भी ऐसे कर्मचारियों के प्रति अपना सख्त रुख अपना लिया है और अग्रिम आदेश जारी कर दिया है।
 एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सिर्फ काम करने वाले कर्मचारी ही रखे जाएंगे बाकी कर्मचारी 1 दिसंबर से निकाल दिए जाएंगे।

शासन ने जारी किया निर्देश

बीते शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक पत्र क्रमांक एनएचएम/ एचआर/ सेल-1/2020/ 14275 जारी किया है जिसमें उल्लेख किया है कि दिनांक 1 नवंबर की स्थिति में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों पीजीएमओ एवं आयुष चिकित्सकों को 31 दिसंबर तक अस्थाई रूप से निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की जाती है। जिले में कार्यरत लैब टेक्नीशियन में से वर्तमान में जिले में संचालित फीवर क्लीनिक हेतु एक लैब टेक्नीशियन फीवर क्लीनिक ( सैंपलिंग) के मान से रखे जाएंगे। डीसीएचसी अंतर्गत संचालित को आईसीयू में 1 स्टाफ नर्स प्रति बेड के मान से तथा जिला अस्पताल से अतिरिक्त संचालित फीवर क्लीनिक सैंपलिंग हेतु एक स्टाफ नर्स प्रति क्लीनिक रखा जाएगा तथा जिला अस्पताल में संचालित फीवर क्लीनिक सेंपलिंग हेतु 2 स्टाफ नर्स रहेंगे। मध्य प्रदेश शासन के जारी पत्र के अनुसार जिले में एक फार्मासिस्ट के मान से रखा जाएगा। वहीं डाटा एंट्री हेतु जिलों में संचालित प्रति डीसीएचसी हेतु दो डाटा एंट्री ऑपरेटर रहेंगे, जिले संचालित प्रति 10 बेडेड कोविड-19 हेतु 5 वार्ड बाय एवं 5 सपोर्ट स्टाफ तथा वर्तमान में संचालित प्रति एक कोविड-19 इंटर में 6 सपोर्ट स्टाफ ही रह पाएंगे, बाकी काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

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