घोटाला: गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी के प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज

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घोटाला: गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी के प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज



 घोटाला: गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी के प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज



 सीधी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत राज्य शासन द्वारा प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 01 में या प्री प्रायमरी कक्षाओं से शुरू प्राथमिक शिक्षा देने वाले स्कूलों में प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान है। निःशुल्क प्रवेशित छात्र/छात्राओं का शुल्क राज्य शासन द्वारा सम्बन्धित अशासकीय विद्यालय को प्रदाय जाता है। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/ राशिके /आर.टी.ई. /2017/119 दिनॉक 05.01.2018 द्वारा निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में नोडल अधिकारियों द्वारा की जाने वाली भौतिक सत्यापन की कार्यवाही तथा प्रक्रिया के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
अशासकीय गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी में आर.टी.ई. के तहत निःशुल्क प्रवेशित एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति हेतु प्रस्ताव सम्बन्धित संस्था द्वारा ऑनलाइन तैयार किया जाकर नोडल अधिकारी को अग्रेषित किया गया।
 नोडल अधिकारी डॉ. अरूण सिंह द्वारा गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी के सत्यापन में पाया गया कि वर्ष 2018-19 में फीस प्रतिपूर्ति हेतु शामिल बच्चों की कक्षा 1, 2 एवं 5 के प्रतिदिन कक्षा में बच्चों की दैनिक उपस्थिति हेतु उपयोग में लाये जाने वाले मूल कक्षा उपस्थिति रजिस्टर को छिपाते हुए नकली उपस्थिति रजिस्टर तैयार किये गये हैं। नकली उपस्थिति रजिस्टर में भी प्रारम्भ में ही बच्चों का व्यक्तिगत एवं पूर्ण विवरण दर्ज किया जाना था जो नहीं किया गया है। स्कालर रजिस्टर में कूटरचना करते हुए बच्चों के विवरण अलग से पन्ने लाकर पूर्व से दर्ज अन्य छात्रों के अंकित विवरण के ऊपर चिपकाये गये थे। सम्बन्धित संस्था द्वारा शुल्क विवरण, परीक्षाफल पत्रक, तथा प्रवेश सम्बन्धी अभिलेख विद्यालय द्वारा नोडल अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किये गये। अशासकीय संस्था गीतांजलि पब्लिक स्कूल सीधी के प्राचार्य धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा मूल अभिलेखों से छेड़छाड़ करते हुए कूट रचना कर फर्जी दस्तावेज नवीन रूप में तैयार किया जाना पाया गया। बच्चों की जन्मतिथि, पिता का नाम प्रवेशित कक्षा तथा दिनॉक आदि परिवर्तित कर दिये गये। निःशुल्क रूप से प्रवेशित दर्शित छात्रों से शासन के निर्देश के प्रतिकूल उनसे शुल्क भी प्राप्त की जाकर रसीद भी प्रदाय की गयी है। विद्यालय से टी.सी. (स्थानान्तरण प्रमाण पत्र) जारी कर देने के बावजूद अगली कक्षा मे प्रवेश दिखाकर कूटरचना पूर्वक शासन से शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त की गयी है एवं आगे भी प्रस्ताव में शामिल किया गया है जबकि उक्त बच्चे इस विद्यालय में अध्ययनरत ही नहीं हैं। उनका नाम अन्य विद्यालयों में दर्ज है। निःशुल्क प्रवेश में पड़ोस एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा से परे हटकर नगरीय सीमा, विकासखण्ड की सीमा तथा जिले की सीमा से बाहर के बच्चों को प्रवेश दिया गया है। विद्यालय में बच्चों के स्कालर क्रमांक, दर्ज तिथि, समग्र पोर्टल पर दर्ज मैपिंग की कक्षा एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव में दर्ज कक्षा में भी एकरूपता नहीं है। विद्यालय द्वारा तैयार कराये गये प्रस्ताव में शामिल प्रत्येक बच्चे की जॉच उपरान्त कूटरचना के प्रमाणित तथ्य पाये गये हैं।

नोडल अधिकारी श्री सिंह द्वारा जॉच में पाया गया कि अधिनियम के प्रावधानों, प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कूटरचित अभिलेख तैयार कर शासन एवं नोडल अधिकारियों को गुमराह करते हुये शासकीय राशि प्राप्त की गई, प्रतिरूपण द्वारा शासन के साथ छल करने के लिये कूटरचित दस्तावेज इस्तेमाल किया गया तथा इलेक्ट्रानिक रिकार्ड का दुरूपयोग कर धोखाधड़ी किया जाकर वास्तविक तथ्यों को छुपाने तथा अन्यत्र अध्ययनरत बच्चो के कूटरचना पूर्वक अपने विद्यालय में प्रवेश व अध्ययन दर्षित कर उनकी कक्षा उपस्थिति दर्ज की गई। संस्था द्वारा बच्चों के जन्मतिथि परिवर्तित किया जाकर उन्हें प्रवेश दिया गया, अन्य जिले में अध्ययनरत छात्रों का नाम विद्यालय में दर्ज कर उनकी फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई। 
कलेक्टर सीधी के निर्देशानुसार सम्बन्धित संस्था के प्राचार्य धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा के विरूद्ध कोतवाली सीधी में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। 
जिला प्रशासन ने जिले के समस्त नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि आपको आवंटित विद्यालय की फीस प्रतिपूर्ति हेतु प्रस्ताव अग्रेषित करने के पूर्व सम्बन्धित अषासकीय विद्यालय के अभिलेखों का सूक्ष्मता से परीक्षण आवशयक रूप से करें।

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