किसानों ने तेज की धान की रोपाई

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किसानों ने तेज की धान की रोपाई



किसानों ने तेज की धान की रोपाई 


शहडोल। 
बरसात का मौसम धान के साथ खरीफ फसल की बुबाई के लिए जाना जाता है। शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा धान की फसल होती है। बारिश जून में अच्छी हुई जिसके चलते किसानों ने धान की नर्सरी तैयार कर ली थी लेकिन अचानक 24 जून से बारिश थम गई जिसके चलते किसानों को चिंता होने लगी कि उनकी धान का रोपा कब लग पाएगा। अब गुरूवार को जो बारिश हुई उससे किसानों को आस जाग गई कि अब उनको राहत मिलेगी लेकिन किसानों को अभी मोटे पानी की जरूरत है और अब तक मोटा पानी यानी अच्छी बारिश नहीं हुई है लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल संभाग में औसत 9 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। यही कारण है कि जहां अच्छी बारिश हुई और सिंचाई के साधन किसानों के पास हैं उन जगहों में धान का रोपा लग चुका है। संभाग में धान के 21 प्रतिशत रकवे में रोपा लग चुका है। जबकि खरीफ फसल की 29 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है। किसान जिनके पास सिंचाई का साधन कम है या नहीं हैं उनको अब अच्छी बारिश का इंतजार है। जिले के कई गांवों में धान का रोपा लगवाने के लिए कृषि विस्तार अधिकारी रूचि दिखा रहे हैं। धान के रोपा लगाने की सबसे अच्छी पद्धति श्री पद्धति मानी जाती है। जिला मुख्यालय के समीपी गांव बोडरी में महिलाएं इसी पद्धति से पौधा रोपने में जुटी हुई हैं। इसी तरह खेतौली गांव में कृषि विस्तार अधिकारी सुभद्रा सिंह की देखरेख में महिलाएं खेत में पौधा रोपते हुए नजर आईं। खेतौली गांव के किसान पूर्व कृषि अधिकारी अखिलेश नामदेव के मार्गदर्शन में उन्नत कृषि तकनीक अपनाकर उच्चतम पैदावार कर प्रदेश में कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। बारिश का दौर शुरू होते ही संभाग में फिर से धान का रोपा लगाने का काम शुरू हो गया है। जिनके खेतों के पास नदी नाले या सिंचाई के साधन हैं वे तो रोपा लगा चुके हैं लेकिन जो बारिश पर निर्भर हैं उन्होंने बारिश शुरू होते ही रोपा का काम शुरू कर दिया है। पूर्व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक भानु प्रताप सिंह का कहना है कि 20 से 25 दिन की अवस्था के थरहे को एक स्थान पर एक दो पौधे और 25 से 30 दिनों के थरहे को एक स्थान पर दो से तीन पौधे रोपना चाहिए जिससे फसल अच्छी मिलती है। 

इनका कहना है-

संभाग में कुल 4 लाख 97 हजार हैक्टेयर के रकवे में खरीफ फसल की पैदावार होना है जिसमें से अब तक 1 लाख 44 हजार हैक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। इस तरह से 29 प्रतिशत रकवे में बोवनी का काम पूरा हो चुका है। धान का रोपा भी 21 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

जे एस पेंद्राम
संयुक्त संचालक कृषि विभाग शहडोल

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