मूर्ति विसर्जन में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य

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मूर्ति विसर्जन में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य




मूर्ति विसर्जन में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य



शहडोल।

 लंबे समय से कोरोना की मार झेल रहे कोचिंग संस्थानों को अब 15 अक्टूबर से अपने यहां 100 प्रतिशत क्षमता से कोचिंग का संचालन करने की अनुमति दे दी गई है। यह महत्वपूर्ण निर्णय गत दिवस कलेक्टर वंदना वैद्य की अध्यक्षता में हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में सामूहिक रूप से लिया गया। बैठक के बाद इस तरह के दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए। राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिये कलेक्ट्रेट कार्यालय के विराट सभागार में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि नव दुर्गा उत्सव के दौरान भी कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके साथ ही नई कोरोना गाइड लाइन के अनुसार सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले, धार्मिक चल समारोह में जन समूह का एकत्र होना प्रतिबंधित रहेगा।
 बैठक में कलेक्टर ने बताया कि दशहरा के बाद से कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम 100 प्रतिशत क्षमता से संचालित किए जा सकेंगे। समस्त प्रकार की दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय शॉपिंग मॉल, जिम अपने नियत समय तक खुल सकें गे। सिनेमा घर एवं थियेटर फुल क्षमता के साथ संचालित किए जा सकेंगे। समस्त रेंस्टोरेंट एवं क्लब भी पहले की तरह ही संचालित हो सकेंगे। विवाह आयोजनों में दोनो पक्ष मिलाकर 300 व्यक्ति अंतिम संस्कार मे 200 व्यक्ति शामिल हो सकेंगे।
गाइड लाइन के सभी बिंदुओं पर जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा विचार कर सर्व सम्मत से सहमति व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया कि दुर्गा पूजा पण्डाल में कोविड अनुकूल व्यवहार मास्क का उपयोग, दूरी, सेनेटाईजर की व्यवस्था कार्यक्रम समिति द्वारा की जाए। भण्डारा आदि प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति विसर्जन के लिये 10 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होगें। मूर्ति विसर्जन जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि डीजे एवं लाउड स्पीकर रात्रि 10 बजे तक ही बज सकेगें। रात्रि 11 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्‌यू लागू रहेगा।

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