वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का बिल लोकसभा में हुआ पास

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वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का बिल लोकसभा में हुआ पास



वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का बिल लोकसभा में हुआ पास



लोकसभा में 'चुनाव कानून' (संशोधन) विधेयक 2021 पारित हो गया है। इस विधेयक में आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का प्रावधान है। चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 मतदाता सूची डेटा (वोटर कार्ड) को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है।


इसी के साथ सदन मंगलवार तक के लिए स्थगित हो गया। वहीं,राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे और लखीमपुर खीरी कांड में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। संसद की कर्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा और फिर लोकसभा की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा। हंगामे के बीच मोदी सरकार ने लोकसभा में वोटर आइडी को आधार से जोड़ने का विधेयक पेश किया। विपक्ष ने इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की है।


स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की है। इसमें बहुत सारी कानूनी कमियां हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और जो हमारी निजता का उल्लंघन करता है। इससे लाखों लोगों के चुनावी अधिकार छिन सकते हैं।

अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अजय मिश्रा टेनी को फौरन हटाना चाहिए। जनता देख रही है, उन्हें आखिर क्यों नहीं हटा रहे हैं। अजय मिश्रा टेनी में क्या खूबी है? इस अन्याय के खिलाफ हम लड़ रहे हैं।



चुनाव सुधार बिल पर लोकसभा में चर्चा

चुनाव सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाने की ओर बढ़ रही सरकार ने वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक लोकसभा में पेश किया है। विपक्ष के हंगामें के बीच चुनाव सुधार बिल पर लोकसभा में चर्चा चल रही है। वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का उद्देश्य किसी व्यक्ति के एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की खामी पर रोक लगाकर फर्जी मतदान की गुंजाइश खत्म करना है।

आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का विरोध

एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में 'चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021' के विरोध में लोकसभा में नोटिस दिया है। ओवैसी ने कहा है कि बिल सदन की विधायी क्षमता से बाहर है क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने फैसले में निर्धारित कानून की सीमाओं का उल्लंघन करता है। मतदाता पहचान पत्र और आधार को जोड़ने से कानून का उल्लंघन होता है।

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