सीधी:नाबालिक के साथ आप्राकृतिक अपराध करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

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सीधी:नाबालिक के साथ आप्राकृतिक अपराध करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड


सीधी:नाबालिक के साथ आप्राकृतिक अपराध करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड


सीधी।
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय के द्वारा अपने निर्णय में सत्र प्रकरण क्रमांक 42/19 के द्वारा आरोपी मोहित उर्फ सोनू बंशल पिता छोटेलाल बंशल उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम मड़रिया थाना कोतवाली को भादवि की धारा ¾(2) पॉक्सोश एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष का कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 377 भादवि के अंतर्गत दोषी पाते हुये 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी *श्रीमती भारती शर्मा*, जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा की गई।  
      जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि कि फरियादी/पीड़ित अपनी मां के साथ थाना आकर रिपोर्ट किया कि दिनाँक 16.08.19 को रात के करीब 8 बजे पीडि़त गंगा साकेत के किराना की दुकान के बगल मे बैठा था तभी पीडि़त के गांव का सोनी बंशल आया बोला कि मेरी सुअर बच्चा दी है चलो देखकर निकालना है तब पीडित उसके साथ सूखा नाला कमला कालेज रोड के पास गया और नाला के नीचे ले जाकर आरोपी ने पीडि़त के साथ गलत कार्य किया। जब पीडि़त हल्ला करने लगा तो आरोपी कहने लगा कि अगर तुम किसी को यह बात बताई तो जान से खत्म कर दूँगा तब पीडि़त किसी तरह छुड़ा कर अपने घर आया और अपनी मां व पिता को घटना की जानकरी दी। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस थाना कोतवाली द्वारा अपराध क्र. 565/19 अंतर्गत धारा 377, 506 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख किया। विवेचना दौरान ¾ पॉक्सोन एक्टव की धारा का इजाफा कर अभियोग पत्र माननीय न्या्यालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा विचारण के दौरान शसक्त पैरवी करते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दिये जाने की अपील की गयी। विचारण पश्चाेत् अभियुक्त  को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया|

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