फटाफट पेट्रोल टैंक फूल करवा लीजिये,मोदी सरकार का चुनावी आफर खत्म होने जा रहा है-राहुल गांधी

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फटाफट पेट्रोल टैंक फूल करवा लीजिये,मोदी सरकार का चुनावी आफर खत्म होने जा रहा है-राहुल गांधी



फटाफट पेट्रोल टैंक फूल करवा लीजिये,मोदी सरकार का चुनावी आफर खत्म होने जा रहा है-राहुल गांधी


कांग्रेस नेता (Congress Leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी की संभावना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है और लोगों से अपने पेट्रोल ( Petrol Diesel ) टैंक भरने के लिए कहा है क्योंकि 'चुनावी ऑफर' जल्द ही खत्म हो जाएगा.
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. दरअसल, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) के अंतिम चरण का प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया. राहुल गांधी ने कहा, 'फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए. मोदी सरकार का 'चुनावी' ऑफर खत्म होने जा रहा है.'

पिछले कई दिनों से कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने और चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद कीमतें बढ़ाने का आरोप लगाती रही है. उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का मौजूदा चरण 10 फरवरी से शुरू हुआ था जो 7 मार्च को खत्म होगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

अगले सप्ताह पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने हो सकते हैं शुरू

बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह विधानसभा चुनाव समाप्त होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने शुरू हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो चुकी है. इससे तेल कंपनियों को सामान्य मार्जिन हासिल करने को लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम में नौ रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी करने की जरूरत है. रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गए.
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के मुताबिक, भारत जो कच्चा तेल खरीदता है उसके दाम एक मार्च को 102 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गए. पेट्रोल-डीजल का यह मूल्य अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं. पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी.

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