युवक कांग्रेस नेता का आरोप, प्रदेश में सरकारी भर्तियों के नाम पर मची है लूट खसोट

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युवक कांग्रेस नेता का आरोप, प्रदेश में सरकारी भर्तियों के नाम पर मची है लूट खसोट




युवक कांग्रेस नेता का आरोप, प्रदेश में सरकारी भर्तियों के नाम पर मची है लूट खसोट

शहडोल/ भोपाल. मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस जिला शहडोल के अध्यक्ष अनुपम गौतम द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जिले के युवाओं को संदेश दिया है कि भाजपा की भ्रष्ट और झूठी सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के नाम पर दिखावा व फर्जीवाड़ा किया गया है, और व्यापम के माध्यम से बड़े पैमाने पर कई भर्तियों मंे फर्जीवाड़ा करते हुये पढ़े-लिखे योग्य छात्रों को रोजगार से वंचित किया गया, जिससे उनके मेहनत पर भी पानी फिर गया। भाजपा की सोई हुई झूठी सरकार व्यापम का नाम बदलकर पीईबी कर दी किन्तु उनके फर्जीवाड़ा में न तब कुछ बदला था और न अब बदला है। इन सब पर भाजपा सरकार के न तो मुख्यमंत्री जी कुछ बोल पा रहे हैं न ही कोई जिम्मेदार पदाधिकारी। जिला शहडोल के अध्यक्ष अनुपम गौतम भाजपा सरकार की निंदा करते हुये कहते हैं कि भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2020 मंे 8000 पदों पर पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया, जिसमें कई प्रतिभागियों को पहले क्वालीफाई घोषित कर दिया गया, बाद में उन्हे डिसक्वालीफाई कर दिया गया। उक्त भर्ती परीक्षा भी व्यापम के माध्यम से कराई गई थी। देवास के प्रतिभागियों ने डरते हुये यह जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की। प्रतिभागियों के साथ व्यापम जैसी कोई अनहोनी न हो जाय।
इसी प्रकार मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में सरकार के मंत्रियों, विधायकों द्वारा अपने चहते लोगों को कमीशन देने के लिए परीक्षा कराने हेतु ऐसी कम्पनियों को ठेका दिया गया है जो पहले से केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘ब्लैक लिस्टेड’’ कर दिया गया है, इससे सीधे-सीधे भ्रष्टाचार किया जाना प्रतिलक्षित होता है जिसका खामियाजा प्रदेश का युवा ही उठाएगा। 
वर्तमान में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा व अन्य परीक्षा मंे प्रदेश के युवा अपने भविष्य का सपना सजोंकर परीक्षा में सम्मिलित हुये किन्तु सोशल मीडिया पर जो पेपर के स्क्रीनशॉट, पेपर वायरल और आँन्सरशीट वायरल हुए है, उससे उनके सपने वहीं टूट गये, उन्हे फिर अपना भविष्य अंधकार में दिखने लगा है। सोशल मीडिया में लीग पेपर, ऑन्सरशीट उसमें लक्ष्मणसिंह का नाम स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, वही लक्ष्मय सिंह जो मुख्यमंत्री जी के ओएसडी हैं। इससे साफ स्पष्ट होता है कि एक बार फिर मुख्यमंत्री कार्यालय के तार व्यापम व नये नाम पीईबी फर्जीवाड़े से जुडे़ हैं। 
प्रश्न उठता है कि लक्ष्मणसिंह के पास यह स्क्रीनशॉट कहाँ से आए ? फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद भी उनका मोबाइल जब्त क्यों नहीं किया गया ? शिक्षक वर्ग-3 भर्ती परीक्षा और शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 परीक्षा की सीबीआई जाँच हो। सरकार में केबिनेट मंत्री श्री गोविन्दसिंह राजपूत को मंत्रिमण्डल से बाहर करो जिससे ताकि जाँच प्रभावित न हो।अतिथि शिक्षकों को भाजपा सरकार ने बाहर कर दिया था,उन्हें सरकार बहाल करें,युवा कांग्रेस उनके लिए लड़ाई लड़ेगी।
जिला शहडोल के अध्यक्ष अनुपम गौतम ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुये बताया कि मध्यप्रदेश के जिला रोजगार कार्यालयों में 35 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं यह सरकारी आँकड़ा है।
1. इन फर्जीवाडे के कारण प्रदेश के 50-70 लाख युवा बेरोजगार हैं। इन्हंे कभी सरकारी नौकरी मिल भी पाएगी, इस सपने को ही भाजपा की भ्रष्टाचारी सरकार ने मिट्टी में मिला दिया।
2. मुख्यमंत्री जी के ओएसडी पर्चा लीक करवाते हैं तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष योग्य युवाओं का हक छीन कर अपने कृपा पात्र/चहेते लोगों को रेवड़ी (पद) बाँटने में लगे हैं।
पहले तो 4-4 साल तक भर्ती परीक्षाएं आयोजित ही नहीं होती और होती भी हैं तो पर्चा आउट/लीक हो जाता है, जैसे-तैसे भर्ती परीक्षाएं पूरी हो पाती हैं तो परिणाम बदल दिए जाते हैं। यह सिर्फ युवाओं के साथ एक तरीके का मजाक करते हुये उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भाजपा रोजगार, भर्ती की झूठी घोषणाऐं तो करते हैं, भर्ती का दिखावा भी करते हैं पर सिर्फ अपने फायदे के लिये। मध्यप्रदेश में कई युवा अपने सरकारी नौकरी की भर्ती के इंतजार में आयु की समय-सीमा पार कर चुका है। पर प्रदेश की भाजपा सरकार जस की तस फर्जीवाड़ा और कमीशन खोरी में लगी हुई है।
व्यापम से इसी प्रकार भर्तियों मंे हो रहे फर्जीवाड़े से मध्यप्रदेश के कई पढ़े-लिखे योग्य युवाओं को सरकार नौकरी मिलने की आशाओं पर पानी फेर रहा है। प्रदेश सरकार ने इंदौर जैसे शहर में टीसीएस, इनफोसिस जैसी कम्पनियों में पहली प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को देने वायदा किया था, वह भी हर वादे की तरह झूठा साबित हुआ है। 
हमें  कमलनाथ के छिंदवाड़ा मॉडल से कुछ सीख लेना चाहिए, जहाँ हर कम्पनी में शत-प्रतिशत काम करने वाला स्थानीय वहीं का होना अनिवार्य है, और इसी कारण वहाँ की बेरोजगारी दर पूरे मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से सबसे कम है।

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