Crypto Rally: क्रिप्टो करेंसी के लिए वरदान बना बैंकिंग संकट, इन बैंकों पर आ चुका है संकट

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Crypto Rally: क्रिप्टो करेंसी के लिए वरदान बना बैंकिंग संकट, इन बैंकों पर आ चुका है संकट



Crypto Rally: क्रिप्टो करेंसी के लिए वरदान बना बैंकिंग संकट, इन बैंकों पर आ चुका है संकट



मौजूदा बैंकिंग संकट (Bank Crisis) के चलते भले ही कई सेक्टर्स की कंपनियों का बुरा हाल हो गया हो और लाखों लोगों के पैसे डूब गए हों, लेकिन ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें इस संकट से काफी फायदा हो रहा है.
हम बात कर रहे हैं वैसे लोगों की, जिन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खासकर बिटकॉइन (Bitcoin) पसंद है. बैंक संकट शुरू होने के बाद कुछ ही दिनों के भीतर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.

बिटकॉइन के भाव में इतनी तेजी

कॉइनडेस्क पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 10 मार्च को बिटकॉइन की कीमत करीब 19,600 डॉलर प्रति यूनिट थी. अमेरिकी प्राधिकरणों ने 10 मार्च को ही सिलिकॉन वैली बैंक को बंद किया था. अभी बिटकॉइन की कीमत 27,110 डॉलर प्रति यूनिट से ज्यादा है. इसका मतलब हुआ कि बैंक संकट के 09 दिनों में बिटकॉइन के भाव में करीब 40 फीसदी की तेजी आई है.

बैंक संकट ने दिया था बिटकॉइन को जन्म

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में यह जान लेना जरूरी है कि इन्हें प्रचलित मनी मार्केट के विकल्प के तौर पर पेश किया जाता रहा है. बिटकॉइन का तो जन्म ही बैंक संकट से जुड़ा हुआ है. जब इससे पहले साल 2009 के दौरान बैंक संकट आया था, तब उसके रिस्पॉन्स में ही बिटकॉइन को डेवलप किया गया था. बिटकॉइन की सफलता ने कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी को उभार दिया. अब जब फिर से बैंक संकट सामने आया है तो बिटकॉइन को बेहद जरूरी मदद मिल रही है.

इन बैंकों पर आ चुका है संकट

मौजूदा बैंक संकट की बात करें तो इसकी शुरुआत सिलिकॉन वैली बैंक के साथ 10 मार्च को हुई. उसके बाद सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) डूबा. फर्स्ट रिपब्लिक बैंक और वेस्टर्न पैसिफिक बैंक भी संकट की चपेट में हैं. इन्हें बचाने के लिए खुद फेडरल रिजर्व अरबों डॉलर खर्च कर चुका है. हीं दूसरी ओर यूरोप में क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) की हालत खस्ता है. इसे बचाने के लिए स्विस सेंट्रल बैंक ने 50 बिलियन स्विस फ्रैंक का आपातकालीन लोन दिया है.

मुखर होने लगे क्रिप्टोकरेंसी समर्थक

क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक प्रचलित बैंकिंग सिस्टम के कड़े आलोचक रहे हैं. वे क्रिप्टोकरेंसी को वैकल्पिक बैंकिंग सिस्टम मानते हैं, जो किसी सरकार या सरकारी एजेंसी के दखल से स्वतंत्र होता है. एक के बाद एक कर कई बैंकों के डूबते जाने से क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक पुन: मुखर हो रहे हैं. वहीं इन्वेस्टर्स के एक धड़े को भी क्रिप्टोकरेंसी से उम्मीदें दिखाई दे रही हैं. कम से कम पिछले चंद दिनों के भीतर बिटकॉइन की कीमत में आई जबरदस्त तेजी से तो यही पता चलता है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें.नॉलेज पुरम की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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