Sidhi News: 4 सचिव निलंबित,7 रोजगार सहायक अटैच, एपीओ,उपयंत्री,एसडीओ से मांगा गया जबाव

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Sidhi News: 4 सचिव निलंबित,7 रोजगार सहायक अटैच, एपीओ,उपयंत्री,एसडीओ से मांगा गया जबाव



Sidhi News: 4 सचिव निलंबित,7 रोजगार सहायक अटैच, एपीओ,उपयंत्री,एसडीओ से मांगा गया जबाव


सीधी। मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार की इबारत रचने वाला सीधी जिला प्रदेश भर में सुर्खियों में बना हुआ है गत दिनो बहोरीबंद विधायक प्रणय पाण्डेय ने सीधी के मनरेगा भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा की चौखट में रखा था। जैसे ही विधायक ने भ्रष्टाचार पर चाभी कसने की शुरूआत की साहब को भी अब गड़बड़ नजर आने लगा है। बता दें कि जिले के कुसमी जनपद अन्तर्गत जिले के कुसमी जनपद अन्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा कराये गए निर्माण कार्यो की पोल खुल गई है। सीईओ जिला पंचायत राहुल नामदेव धोटे ने सात पंचायतों को राडार में लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है हलाकि यह कार्रवाई अभी सिर्फ जल संसाधन के कार्यो पर हुई है जबकि अरबो रूपये पानी की तरह बहाने वाले आरईएस विभाग के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई। सूत्र बताते है कि सबसे ज्यादा सरकार का पैसा फर्जी तरीके से हजम करने वाला विभाग सीधी जिले में आरईएस विभाग है। 
ज्ञात हो कि जल संसाधन विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत कराये गए कार्यो की गुपचुप स्वीकृती व गोलमाल को लेकर दैनिक कीर्ति क्रांति द्वारा प्रमुखता से उजागर किया गया था जिसके बाद उक्त निर्माण कार्यो की जांच शुरू कराई गई थी प्रथम दृष्टया सीईओ राहुल नामदेव धोटे ने कुसमी जनपद के सात रोजगार सहायकों को जिला पंचायत में अटैच करने का आदेश जारी किया है। वहीं इस मामले में दोषी चार सचिवों को निलंबित भी कर दिया है। जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत पिछले 2 वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल 112 कार्यों की राशि रूपये 1922.85 लाख की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग जिला सीधी एवं अनुविभागीय अधिकारी कुसमी, जल संसाधन विभाग द्वारा बिना सक्षम अनुमति के जारी की गयी तथा कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत से मिलकर षडयंत्र पूर्वक प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी कराया गया जबकि उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी करने हेतु सक्षम नही है। मनरेगा अधिनियम के प्रावधान अनुरूप अन्य क्रियान्वयन एजेंसियों का निर्धारण जिले के कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को ही अधिकार प्राप्त है। इस प्रकार ग्राम पंचायत एवं जल संसाधन विभाग द्वारा षड्यंत्र पूर्वक सक्षम स्वीकृति के बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत के 112 कार्यों में राशि रूपये 1922.85 लाख जारी की गयी तथा नियम विरूद्ध 1431.91 लाख रूपये का व्यय किया गया जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। 


इन सचिवों के खिलाफ हुई कार्रवाई


अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्माण कार्यो की स्वीकृति तथा राशि आहरण कर नियमों की अवहेलना करने वाले चार सचिवों को सीईओ ने निलंबित कर दिया है जिसमें कुसमी जनपद के ग्राम पंचायत अमरोला के राजेश गुप्ता, ग्राम पंचायत गोतरा एवं अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत रामपुर के केपी सिंह, ग्राम पंचायत शंकरपुर एवं अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत कतरवार के रामभरत जायसवाल, ग्राम पंचायत ठाडीपाथर वर्तमान संलग्न जपं कुसमी सीता सिंह को निलंबित किया गया है। 


इन रोजगार सहायकों को जिला पंचायत किया गया अटैच


इसी मामले में सीईओ ने रोजगार सहायकों को भी दोषी मानते हुए कार्रवाई की है। सीईओ द्वारा जारी पत्र अनुसार कुसमी जनपद के ग्राम पंचायत अमरोला के रोजगार सहायक गंगा प्रसाद यादव, ग्राम पंचायत गोतरा के राजकुमार मिश्रा, ग्राम पंचायत कतरवार के नागेन्द्र कुमार जायसवाल, ग्राम पंचायत रामपुर के शिवमूरत द्विवेदी, ग्राम पंचायत शंकरपुर के श्रीकांत शुक्ला, ग्राम पंचायत टमसार के लक्ष्मीभूषण गुप्ता एवं ग्राम पंचायत ठाढीपाथर के लक्ष्मीनारायण बंशल को जिला पंचायत सीधी के मनरेगा शाखा में संलग्न किया गया। संबंधित रोजगार सहायकों को शिकायत जॉच निराकरण तक 50 प्रतिशत वेतन भुगतान किये जाने का आदेश जारी किया गया।


इन पर भी हो कार्रवाई


नियम विरूद्ध तरीके से कार्यो की प्रशासकीय स्वीकृत जारी करने तथा निर्माण कार्य संपादित करने उपरांत राशि आहरित करने एवं मूल्यांकन तथा जियोटैग एवं अन्य प्रशासनिक कार्रवाई में महती भूमिका निभाने वाले अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी,एसडीओ आरईएस,उपयंत्री के खिलाफ भी दण्डात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निर्माण कार्यो का आरंभ से लेकर पूर्ण तक इन अधिकारियों की भूमिका अहम रहती है ऐसे में उक्त अनियमित्ता में इनकी संलिप्तता पूर्ण रूप से मानी जा रही है। जिसके चलते उपरोक्त एपीओ,एसडीओ तथा उपयंत्री के खिलाफ भी निलंबन तथा कठोर कार्रवाई किया जाना चाहिए।

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