बाबा बागेश्वर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ हुई FIR, जानिए क्यों मचा पोस्ट पर बवाल

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बाबा बागेश्वर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ हुई FIR, जानिए क्यों मचा पोस्ट पर बवाल



बाबा बागेश्वर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ हुई FIR, जानिए क्यों मचा पोस्ट पर बवाल


Bageshwer dham 
मध्यप्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लखनऊ विवि के प्रोफेसर पर मामला दर्ज हो गया है। आरोपी का नाम डॉ. रविकांत चंदन है, जो कि वहां पर हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

चंदन पर छतरपुर की बमीठा थाना पुलिस ने हिन्दू धर्म के अनुयायियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया। पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ यह FIR अपनी पोस्ट के जरिए सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और समाज में वैमनस्यता को बढ़ावा देने के आरोप में दर्ज की है।

प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने बाबा बागेश्वर के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन पर महिला तस्करी करने का आरोप लगाया था। अपनी इस पोस्ट में आरोपी प्रोफेसर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी विवादित टिप्पणी की थी।

आरोपी प्रोफेसर ने बीते गुरुवार को की अपनी पोस्ट में लिखा था, 'नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित छोटा भाई धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है! इसकी गहन जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर धीरेन्द्र को फांसी होनी चाहिए।' जिसके बाद इस बारे में छतरपुर की श्री बागेश्वर धाम जन सेवा समिति से जुड़े धीरेन्द्र कुमार गौर उस प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत करते हुए पुलिस के पास मामला दर्ज कराया।

शिकायतकर्ता ने प्रोफेसर पर लगाए यह आरोप

पुलिस के पास दर्ज कराए मामले में गौर ने बताया, 'बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी जो सनातन धर्म के महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ है जिनके देश विदेश में अनेक हिन्दु सनातन धर्म के अनुयायी है। प्रोफेसर रवि कान्त के द्वारा परम पूज्य महाराज जी के विरूद्ध अपने X अकाउंट पर की गई टिप्पणी से सम्पूर्ण देश मे हिन्दू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उनकी इस टिप्पणी से धार्मिक सौहार्द बिगडा एवं वैमनस्यता फैली है।'

आगे उन्होंने बताया, 'महाराज जी के विरूद्ध की गई उक्त अशोभनीय, मिथ्या टिप्पणी समाज मे कटुता फैलाने का काम कर रही है। अतः प्रोफेसर रविकान्त के द्वारा यह जानते हुए कि उसके द्वारा लिखी गई टिप्पणी हिन्दू सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए समाज मे वैमनस्यता को बढावा देगी। अतः महोदय से अनुरोध है कि उक्त आपराधिक कृत्य पर प्राथमिकी दर्ज करने का कष्ट करें।


धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

प्रोफेसर रविकांत की इस पोस्ट के बाद विवाद शुरू हो गया. बागेश्वर धाम समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रोफेसर रविकांत की टिप्पणी ने न सिर्फ धीरेंद्र शास्त्री की छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि हिंदू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है. पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत केस दर्ज किया.

बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने आरोपों को किया खारिज

बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए एक वीडियो एक्स पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि साजिशकर्ता लगे हुए हैं. ये उपद्रव कुछ न कुछ करते रहते हैं. हमने इस देश में सबसे बड़ी जात-पात की बीमारी के खिलाफ जो अभियान छेड़ा हुआ है, सनातनियों को एक करने के लिए. उसके बाद कुछ न कुछ आता रहता है. लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, 'जब तक हमारे शरीर में प्राण हैं. चाहे कोई कितना भी हम पर आरोप लगाते रहें. हम तब तक हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान की सेवा करते रहेंगे. हमारा जन्म ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुआ है. हम मरते दम तक सनातन परंपरा के लिए ही जिएंगे और उसी परंपरा के लिए मरेंगे. ये तो अभी शुरुआत है आगे लोग अभी पता नहीं क्या-क्या कहेंगे. 7 नवंबर से 16 नवंबर तक होने वाली आगामी पदयात्रा की खबर से ही कुछ लोगों की बेचैनी बढ़ गई है.'


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