आदिवासियों के आवास की मजदूरी डकार गया खंतरा पंचायत सचिव
रवि शुक्ला,मझौली
एक तरफ जहां शासन स्तर से व्यवस्था की गई है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को सत प्रतिशत आवास योजना का लाभ दिया जाए साथ ही उनके आवास निर्माण में उनको रोजगार मिले जिसके लिए मजदूरी की राशि हितग्राही एवं उसके परिवार के खाते में ही जानी चाहिए ऐसा भी प्रावधान किया गया है लेकिन जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत खंतरा में सचिव हिमांशु गुप्ता के द्वारा लगभग आधा सैकड़ा आदिवासी हितग्राहियों के आवास योजना के मजदूरी की राशि में फर्जीबाड़ा किया गया है।हितग्राहियों के मुताबिक वह खुद काम किए हैं लेकिन ऐसे लोगों के नाम मस्टर जारी कर मजदूरी की राशि भुगतान की गई है जिसे वह जानते भी नहीं है और उनके आवास में ऐसे लोग काम भी नहीं किए हैं। हितग्राहियों द्वारा यह भी बताया गया कि जब सरपंच सचिव से मजदूरी की बात करते हैं तो उनके द्वारा कहा जाता है कि आपका मस्टर भेज दिया गया है भोपाल से मजदूरी आएगी लेकिन मनरेगा के पोर्टल में उनके आवास की मजदूरी निकल गई है।ऐसे में सोचा जा सकता है जिस वर्ग को शासन प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से योजना का लाभ दिया जाना निश्चित किया गया है उनके योजना में ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा पलीता लगाते हुए फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
आवास मजदूरी में किया गया फर्जीवाड़ा
हितग्राही रामचरण कोल की वृद्ध पत्नी चंद्रवती कोल ने बताया कि मजदूरी की राशि आने की उसे जानकारी नहीं है उसके आवास में सिर्फ नीचे की बीम पड़ी है जबकि 21420 रु मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह ललुआ पिता रस्किन पोल ने बताया कि उसके खाते में 6000 मजदूरी आई है जबकि 22995 मजदूरी भुगतान की जा चुकी है।
हितग्राहियों को नहीं है मजदूरी की जानकारी
हितग्राहियों ने बताया कि ललवा पिता गरूले कोल का आवास पूर्ण है मजदूरी नहीं मिली है,प्रेमवती पति राम बहोर कोल की दीवाल खड़ी है पुत्र सुरेंद्र कोल ने बताया मजदूरी नहीं मिली है,रामकली पति मिठाई लाल कोल छत पड़ गया है मजदूरी नहीं मिली है बेटा अमृतलाल कोल ने बताया, लाल भाई पिता सीताराम कोल का दीवाल खड़ी है मजदूरी नहीं मिली है,सुमिरन पिता रामचरण कोल टॉप बीम की तैयारी है मजदूरी नहीं आई है,नंदलाल पिता रामचरण कोल का दीवाल कंप्लीट है मजदूरी नहीं मिली है, राज बहोर पिता श्रीपति कोल का दीवाल कंप्लीट है मजदूरी नहीं मिली है पंचवती पति भैया लाल कोल का नीचे बीम पड़ी है मजदूरी नहीं मिली है। हितग्राहियों ने यह भी बताया कि इसी तरह लगभग आधा सैकड़ा आदिवासी वर्ग के हितग्राही हैं जिनके आवास निर्माण हो रहे हैं लेकिन मजदूरी की जानकारी उन्हें नहीं है। प्रशासन से जांच कार्यवाही करने एवं मजदूरी दिलाने की मांग हितग्राहियों ने किया है।
इनका कहना
(1)आवास बन रहा है नीचे की बीम पड़ी है मजदूरी आने की जानकारी हमें नहीं है और ना ही हमारे पति को।
चंद्रवती कोल
हितग्राही की पत्नी
(2)हमारे खाते में दो बार तीन– तीन हजार यानी 6000 रु मजदूरी आई है बाकी नहीं मिली है। पूरा काम अपने परिवार के ही सदस्य किए हैं।
ललुआ कोल
हितग्राही
(3) दीवाल खड़ी है छत की तैयारी है लेकिन अभी तक कोई मजदूरी नहीं मिली है।पूरा काम अपने परिवार के साथ किए हैं।
लाल भाई कोल
हितग्राही
(4)मेरे आवास में नीचे की बीम पड़ी है पति भैयालाल कोल के नाम से आवास स्वीकृत है अभी तक मजदूरी नहीं आई है।
पंचवती कोल
हितग्राही की पत्नी
(5)मजदूरी की राशि हितग्राही के एवं उसके परिवार के खाते में आना चाहिए अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच कार्यवाही होना चाहिए। मैं भी जानकारी लूंगा।
लल्लू लाल बैस, सरपंच
(6)आवास हितग्राहियों के मजदूरी की राशि में फर्जीवाड़ा नहीं होना चाहिए अगर हुआ है तो इसकी जांच करा कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
धनंजय मिश्रा, सीईओ

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