अनेक रूपों में जो सर्वत्र विद्यमान है वही ब्रह्म है–व्यासपीठ,कथा के दूसरे दिन कलयुग परीक्षित संवाद,शुकदेव जी पूजन वर्णन का आया प्रसंग
मझौली
अनेक रूपों में जो सर्वत्र विद्यमान है वही ब्रह्म (विधाता) है जिसके गति से पूरी सृष्टि गतिमान है उसी का अनेक रूपों एवं अनेक प्रकार से पूजन वंदन किया जाता है उक्त प्रसंग जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम ताला में रामचंद्र निर्मला तिवारी के आवास पर उनकी माता बेटीबाई तिवारी पति स्व कौशल प्रसाद तिवारी के मरणोपरांत वार्षिक स्मृति में आयोजित भागवत कथा पुराण यज्ञ के दूसरे दिन व्यास पीठ से कथा प्रवक्ता आचार्य पवन भाई मिश्रा श्री धाम वृंदावन व तपोधम चित्रकूट के द्वारा भागवत प्रसंग में बताया गया।
कथा में कलयुग एवं राजा परीक्षित का संवाद,कलयुग के प्रभाव से राजा परीक्षित द्वारा ऋषि का अपमान जिस कारण ऋषि पुत्र का राजा परीक्षित को श्राप,शुकदेव पूजन,महात्मा विदुर के घर भगवान कृष्ण का भोजन जैसे प्रसंग का वर्णन किया गया।कथा संगीत के तर्ज पर हो रही है जहां भागवत के साथ भजन, स्तुति सुरताल के साथ प्रस्तुत किया जाता है जहां श्रद्धालु भागवत ज्ञान गंगा में शामिल होकर श्रवण पुण्य अर्जित कर रहे हैं।संगीत मंडली में आर्गन में नंदकिशोर,हारमोनियम में महेश गौतम,तबला में राम जी एवं पैड में संतोष अपने प्रस्तुति देते हैं। कथा का शुभारंभ आज 4 नवंबर मंगलवार से हुआ है जिसका समापन 10 नवंबर 2025 एवं हवन एवं भंडारा का कार्यक्रम 11 नवंबर को निर्धारित किया गया है। कथा प्रवचन का समय दोपहर 2:00 बजे से शाम तक नित्य जारी रहेगा।कथा के दूसरे दिन प्रमुख रूप से महेंद्र मणि तिवारी अधिवक्ता,विदेश सिंह मझौली,पवन तिवारी अधिवक्ता, मझौली,राम मणि तिवारी,देवेश द्विवेदी शिक्षक,शिवप्रसाद बैश पूर्व उपसरपंच ताला,राम सलोने चतुर्वेदी,जग्गा कोल पूर्व उपसरपंच ताला आदि उपस्थित रहे।

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