प्राचार्य की मनमानी चरम पर, स्कूल में भारी अव्यवस्था, कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे जिम्मेदार
रवि शुक्ला, मझौली
सीधी जिले के मझौली जनपद शिक्षा केन्द्र के शासकीय हाई स्कूल जमुआ नंबर 2 के प्राचार्य के मनमानी चरम पर है अपने कार्य प्रणाली से वाज नहीं आ रहे हैं,जिससे परेशान व नाखुश बच्चों व उनके अभिभावक व्यवस्था एवं शैक्षिक कार्य को लेकर मीडिया से गुहार लगाई मीडिया द्वारा वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए खबर का प्रकाशन किया जा रहा है. लेकिन न जाने इनपर किसका सरक्षण है जिसके चलते कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं भले ही चाहे इनकी गलती का ठीकरा दूसरे निर्दोषों पर फोड दिया गया हो लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही नही की जा रही है.
मनमानी की सारी हदें पार
बच्चों ,अभिभावकों की माने तो प्राचार्य मनमानी की सारी हदें पार कर बदहाल व्यवस्था को सुधारने के बजाय और बिगाड़ने में तुले हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस विद्यालय में जब से मोहन चंद्र गौतम प्राचार्य के रूप में पदस्थ किए गए हैं स्कूल की व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है जिससे हम लोगों के पठन पाठन में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है ना तो शौचालय की व्यवस्था है ना ही विद्यालय में साफ सफाई कराई जाती विभिन्न गतिविधियों के लिए फीस वसूली जाती है लेकिन कोई भी गतिविधि संचालित नहीं की जा रही है, हम लोगों की संबल योजना की राशि नहीं दी जा रही है. यह महीने में दो-चार दिन आते हैं खुद नहीं पढाते और एक अन्य शिक्षक को भी अपने ड्यूटी में लिए रहते है.जो भी शिक्षक रहते हैं अच्छे से पढाते हैं. मध्यान भोजन में दाल,चावल और पतली सब्जी दी जाती है मीनू अनुसार कभी भी मध्यान भोजन नहीं परोसा जा रहा है.
मीडिया पर बदसलूकी करने पैसे वसूलने के भी लगा दिए आरोप
इस स्थिति का जायजा लेने जब मीडिया वहां पहुंची तो कई दफा प्राचार्य अनुपस्थित मिले और जब मिले तो वह मीडिया पर दबाव बनाते रहे. यहां तक की प्राचार्य द्वारा मीडिया पर शिक्षकों से बदसलूकी करने तथा अनर्गल पैसे उगाही की भी बात कह डाली .जिसकी शिकायत लिखित रूप में खंड शिक्षा अधिकारी को मीडिया द्वारा की गई है. लगातार खबर प्रकाशन भी किया जा रहा है लेकिन ऐसे मामले को नजर अंदाज करना जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहा है. विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था व साफ सफाई को लेकर बच्चे एवं अभिभावक चिंतित व नाखुश हो मीडिया से गुहार लगा रहे हैं. शिकायत पर कई बार विद्यालय का जायजा लिया गया काफी अनियमितता एवं अव्यवस्था देखी गई इसके सुधार के लिए दो महीने तक का समय भी बिना खबर प्रकाशन दिया गया लेकिन सुधरने की बजाय व्यवस्था बिगड़ती ही जा रही है।
चार कमरे में कक्षा 6 से 10 तक का संचालन
मिल रही शिकायतों पर जब 22 नवंबर को मीडिया के टीम जायजा लेने पहुंची तो देखा गया 6 से 10 तक के बच्चों को केवल चार क्लास रूम में बैठाया गया था तीन-चार शिक्षक थे.एक शिक्षिका को छोड़कर तीन शिक्षक बाहर खड़े थे जो मीडिया को देखकर अंदर कक्षाओं में चले गए चपरासी द्वारा छात्रों की उपस्थित रजिस्टर में अंकित की जा रही थी. 11 बजे के करीब विद्यालय के एक अन्य शिक्षक के साथ जब प्राचार्य पहुंचे तो मीडिया के सवालों से बचते हुए सीधे ऑफिस में चले गए वहीं शिक्षक द्वारा बताया गया कि प्राचार्य फोन किए थे इसलिए रुक गया था. यह कोई पहला मामला नहीं था, की मीडिया से बहाने बाजी रची गई 20 नवंबर गुरुवार के दिन 3 बजे यही शिक्षक कृष्ण कुमार सोनी प्राचार्य को बस बैठने चुवाही छादे गए हुए थे लौटते वक्त इन्हें रोका गया तो रुके नहीं फोन भी नहीं उठाए जिस संबंध में जब पूछा गया तो गोलमोल जवाब देते रहे.इसके पूर्व अतिथि शिक्षक के साथ लेट से आते पाए गए हैं।
डीईओ का आदेश बना क्षेत्र में चर्चा का विषय
शिक्षा सत्र 2025- 26 में प्राचार्य द्वारा मनमानी तरीके से अधिक अंकधारी एवं पूर्व में पढ़ा चुके अतिथि शिक्षकों को ना रख शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शायद अपने आने जाने की सुविधा के लिए कम अंक वाले अतिथि शिक्षक की नियुक्ति कर ली गई थी जिसकी शिकायत होने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कार्यवाही निरस्त कर कार्यरत अतिथि शिक्षकों को निकालने मात्र का आदेश जारी किया गया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है.लोगों का कहना है कि इसमें कार्यरत अतिथि शिक्षकों की क्या गलती है क्या वे स्वयं आकर काम करने लगे थे या की प्राचार्य द्वारा आमंत्रित किया गया था यदि प्राचार्य द्वारा बुलाया गया था तो प्राचार्य पर कार्यवाही ना कर बेरोजगार अतिथि शिक्षकों को जो अब कहीं भी जॉइनिंग नहीं कर पाएंगे बाहर क्यों किया जा रहा है. क्या दूसरे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. यदि नहीं तो पठन-पाठन व्यवस्था कैसे सुचार रूप से चल पाएगी.इनके क्रियाकलाप को लेकर लगातार खबर प्रकाशन किया जा रहा है लेकिन अभी तक जिम्मेदारों द्वारा किसी तरह से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इनका है कहना
1-- हाई स्कूल है डीईओ के यहां से आदेश बीईओ को आया है हमें जानकारी नहीं है की क्या आया है पत्र में।
एपी पटेल बीआरसीसी
जनपद शिक्षा केंद्र मझौली
2- दो बार जांच हो चुकी है एक बार कन्या प्राचार्य द्वारा जांच की है अभी हाल ही मे आज कल लगभग बीआरसी भी गए होंगे जो अतिथि शिक्षक भर्ती की गई थी 17 अक्टूबर को डीईओ द्वारा रिजेक्ट किए हैं और 20 को प्रिंसिपल रिजेक्ट कर दिए हैं, व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से जानकारी मिली हैं , अव्यवस्था को लेकर जांच किए होंगे हम अभी नहीं गए हैं जायेंगे जांच करने
बीड़ी रावत
विकासखंड शिक्षा अधिकारी मझौली।

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