बारातघरों-मैरिज गार्डन के लिए नियमों का उल्लंघन करने पर 5 हजार से 50 हजार तक का लगाया जाएगा अर्थदण्ड

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बारातघरों-मैरिज गार्डन के लिए नियमों का उल्लंघन करने पर 5 हजार से 50 हजार तक का लगाया जाएगा अर्थदण्ड




बारातघरों-मैरिज गार्डन के लिए नियमों का उल्लंघन करने पर 5 हजार से 50 हजार तक का लगाया जाएगा अर्थदण्ड 

नगर निगम आयुक्त ने जारी किया आदेश
जबलपुर।
नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी बारातघरों, मैरिज गार्डनों, स्थाई एवं अस्थाई पंडालों के संचालकों को शासन के नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में निगमायुक्त श्री आशीष कुमार ने एक आदेश जारी कर सभी को अवगत कराया है कि बारातघरों के संचालन, के लिए शासन के निर्धारित मापदण्डों का पालन करना जरूरी है। यदि किसी बारातघरों, स्थाई-अस्थाई पंडालों, मैरिज गार्डनों के संचालकों द्वारा शासन के प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में उनके विरूद्ध 5 हजार से 50 हजार तक का अर्थदण्ड लगाकर जुर्माने की राशि वसूल की जायेगी। इसके लिए निगमायुक्त श्री आशीष कुमार ने स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों, एवं मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षकों को अधिकार सौंपे हैं।
इस संबंध में निगमायुक्त ने बताया कि मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 366 एवं 427 के अधीन बारात घर के रूप में पंजीकरण अनिवार्य, बारातघर में 40 प्रतिशत स्थान पार्किंग हेतु आरक्षित रखना होगा एवं इस आशय का मानचित्र नगर पालिक निगम जबलपुर से अनुमोदित कराना होगा, बारात घरों एवं अस्थायी पण्डालों, अस्थायी बारातघरों में अग्निशमन एवं निकासी की व्यवस्था राष्ट्रीय भवन संहिता भाग-4 फायर एवं लाईफ सेफ्टी तथा राष्ट्रीय मानक ब्यूरों के आई.एस. कोड 8758 अस्थाई संरचनाओं एवं पण्डाल के निर्माण हेतु अग्नि सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक उपाय का पालन करना अनिवार्य होगा। स्वच्छता की दृष्टि से भारत शासन द्वारा जारी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का पालन करना अनिवार्य होगा। विशेष रूप से नियम (4) के प्रावधानों का पालन अनिवार्य होगा जिसमें अपशिष्ट उत्पन्नकर्ताओं के कर्तव्य, प्रत्येक अपशिष्ट उत्पन्नकर्ता निम्न बिन्दुओं का पालन करेगें -
4-(क) उनके द्वारा उत्पन्न किये गये अपशिष्ट को पृथक्कृत और तीन पृथक शाखाओं अर्थात जैव निम्नीकरणयोग्य, गैर निम्नजीकरणयोग्य और घरेलू परिसंकटमय अपशिष्ट के तीन अलग-अलग डिब्बों में भंडारित करेगा और समय-समय पर स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा निर्देश या अधिसूचना के अनुसार पृथक किये गये अपषिष्टों को प्राधिकृत अपशिष्ट चुनने वालों या अपशिष्ट संग्रहकर्ताओं को सौंपेगा।
4-(ग) संनिर्माण और विध्वंस अपशिष्ट को पृथक रूप से अपने ही परिसर में भंडारित करेगा, जब कभी वह उत्पन्न होता हो, और उसे संनिर्माण और विध्वंस अपशिष्ट नियम, 2016 के अनुसार निपटान करेगा।
4-(घ) अपने परिसर से उत्पन्न कृषि उद्यान अपशिष्ट और उद्यान अपशिष्ट को अपने ही परिसर में पृथक रूप से भंडारित करेगा और समय समय पर स्थानीय निकाय द्वारा निर्देशानुसार इसका निपटान करेगा।
4-(2) कोई अपशिष्ट जनित उसके द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट को गली, खेले सार्वजनिक स्थानों, नाली या जलाशयों में न फेंकेगा, न जलाएगा और न गाड़ेगा।
4-(4) कोई व्यक्ति अग्रिम रूप से कम से कम तीन कार्य दिवस पूर्व स्थानीय निकाय को सूचित किए बिना किसी गैर अनुज्ञप्ति वाले स्थान पर एक सौ व्यक्तियों से अधिक का ऐसा कोई आयोजन या समारोह आयोजित नहीं करेगा। ऐसा व्यक्ति या ऐसे आयोजन का आयोजक स्त्रोत पर अपशिष्ट के पृथककरण की व्यवस्था करेगा और पृथक्कृत अपशिष्ट को स्थानीय निकाय द्वारा अभिहित अपशिष्ट चुनने वाले को या अपशिष्ट संग्रहण अभिकरण को सौंपेगा।
4-(8) इन नियमों के अधिसूचित होने की तारीख से एक वर्ष के अंदर सभी होटल और रेस्टोरेंट स्थानीय प्राधिकरण की भागीदारी में इन नियमों में तथा विहित जनितों द्वारा अपशिष्ट को स्त्रोत पर पृथक करना, पृथक किए गए अपशिष्ट को अलग-अलग पात्रों में संग्रह करने में सहायता करना तथा पुनर्चक्रणीय सामग्री को प्राधिकृत अपशिष्ट उठाने वालों अथवा प्राधिकृत पुनर्चक्रकों को सौंपना सुनिश्चित करेंगे। जैस-अवक्रमणीय अपशिष्ट का जहॉं तक संभव होगा परिसर के अंदर संसाधित उपचारित और कम्पोस्ट करके अथवा बायोमिथानेशन के जरिए निपटान किया जाएगा। शेष अपशिष्ट स्थानीय प्राधिकरण द्वारा यथा निर्देशित अपशिष्ट संग्रहकर्ताओं या अभिकरण को दिया जाएगा।
5- भारत सरकार द्वारा जारी अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 का पालन अनिवार्य होगा। विशेष रूप से नियम 8(ख) के प्रावधानों का पालन -
8-(ख) प्लास्टिक अपशिष्ट को न बिखरने देगा और स्त्रोत पर अपशिष्ट  का पृथक भंडारण सुनिश्चित करेगा तथा पृथक अपशिष्ट को शहरी स्थायी निकायों या ग्राम पंचायत या उनके द्वारा नियुक्त एजेंसियों या अपशिष्ट चुनने वालों, रजिस्ट्रीकृत पुनः चक्रणकर्ताओं या अपषिष्ट संग्रहण अभिकरणों को सौंपेगा।
6- मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं इसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर पारित आदेषों एवं निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा -
बारात घर के संचालन में विशेष कर पार्किंग व्यवस्था प्रवेश एवं निकास हेतु दो द्वार की व्यवस्था आवश्यक रूप से किया जावे। बारात घर में लाइट फिटिंग का विशेष ध्यान दिया जावे, कहीं भी खुली वायरिंग न रखी जावे। बारात घर में बारात लगते समय यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये आवागवन व्यवस्थित किये जाने की सम्पूर्ण जवाबदारी बारात घर के संचालन की होगी। बारात घर में आतिषबाजी पर विशेष ध्यान रखा जावे जिससे आतिशबाजी के दौरान आगजनी की दुर्घटना ना हो सके। बारात घर में समय 10 के बाद साउंड सिस्टम पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगें, दो साउंड सिस्टम से ज्यादा साउंड सिस्टम लगाने की अनुमति नहीं होगी। बारात घर में बचने वाला खाना गरीबों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करावें। बारात घर में उपलब्ध कचड़ा एवं व्यर्थ खाना कम्पोस्टपिट बनाकर उसे कम्पोस्टपिट में डाला जावें साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जावे। निगमायुक्त ने उपरोक्त सभी निर्देशों का पालन करने आदेश जारी किये गए हैं और इसे आज से ही संभाग क्रमांक 1 से 15 तक में प्रभावशील करने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेशित किये गए हैं।

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