कुंभकर्णीय नींद में सोया नगर प्रशासन, नरकीय जीवन जीने में मजबूर नगरवासी

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कुंभकर्णीय नींद में सोया नगर प्रशासन, नरकीय जीवन जीने में मजबूर नगरवासी





कुंभकर्णीय नींद में सोया नगर प्रशासन, नरकीय जीवन जीने में मजबूर नगरवासी, 

मंदिर जाने वाले रास्ते में बह रहा नाली का गंदा पानी,


 मझौली।

पंचायतों के साथ नगर परिषद मझौली में भी भारत सरकार का स्वच्छता अभियान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है, जो कागजों एवं दीवारों तक सीमित है। जिसके प्रति शासन -प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। जिसका ताजा मामला मझौली क्षेत्र की आस्था की प्रतीक मड़फहा महारानी कुलदेवी मंदिर प्रांगण में देखा जा सकता है। जहां हमेशा 100- 200 लोग पूजा अर्चना के लिए प्रति दिन आते हैं। मझौली मेन बाजार शंकर मंदिर के पास से देवी मंदिर की ओर जाने वाली पीसीसी रोड में नाली का गंदा पानी बह रहा है यहां तक कि इन नालियों में कई घरों से सेप्टिक टैंक की पाइप भी जोड़ी गई है। जिसकी गंदगी के आलम से हमेशा लोगों की चहल-पहल वाली मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है,। वहीं ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चे एवं शिक्षक भी बीमारी फैलने की दहशत में है।किंतु शिकायत एवं समाचार प्रकाशन के बाद भी नगर प्रशासन कुंभकरणीय नींद में सो रहा है। यहां तक कि स्वच्छता की जानकारी लेने पहुंचे अधिकारियों से भी नगर वासियों के द्वारा भी गुहार लगाई गई थी।बता दे कि स्वच्छ भारत मिशन की करोड़ो की राशि भले ही गलाई गई हो, पर नगर की स्वच्छता केवल कागजों एवं दीवारों तक सीमित है ।यदि जमीनी हकीकत को देखा जाए तो नगर में फैली गंदगी से लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं।जिसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी तक की जा चुकी है किंतु किसी प्रकार की व्यवस्था सुधार ना होने से लोग थक हार कर गंदगी के साए में जीवन गुजार रहे हैं।

बिना सुविधा राशि वसूली जारी:-


लोगों की मानें तो मझौली को नगर पंचायत का दर्जा मिले एक दशक पूर्ण होने को है किंतु अभी तक बिना सुविधा के ही गृह टैक्स, टैक्सी टैक्स, बैठकी टैक्स, आदि उगाही निरंतर जारी है। नगर में रखे गए कर्मचारी, प्रतिनिधियों व अधिकारियों की ड्यूटी बजा रहे हैं। नगर में फैल रही गंदगी से संक्रमित बीमारियां फैल रही है। यहां तक कि  नाशक दवाइयों का छिड़काव तक तीन-चार वर्षों से नहीं किया जा रहा है।जहां भी देखो पूरा नगर परिषद गंदगी के साए में समाया हुआ है। बस आधे अधूरे निर्माण कार्य में शासन की राशि गलाई जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्माण कराए गए करोड़ों के शौचालय भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चढ़ गई है। नगर परिषद के 75 प्रतिशत लोग आज भी शौच के लिए बाहर जा रहे हैं।बाजार में सड़क के किनारे दुकान लगवाया जा कर बैठकी वसूली जा रही है, किंतु आज तक ना ही ऑटो स्टैंड बना ,ना ही सब्जी मंडी, बस उगाही तक ही सीमित है।सार्वजनिक शौचालय निर्माण कराया गया है पर ना अभी तक पानी की व्यवस्था की गई ना कर्मचारी की जिसमें केवल बाहरी दीवारों तक पेंट पॉलिश कर दिखावे की स्वच्छता का प्रदर्शन किया गया है। पर गंदगी के आलम के कारण इसके अंदर जाने को लोग हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

इनका कहना है :-👇👇
1. यहां नाली का गंदा पानी हमेशा बहता रहता है कई घरों का सेफ्टी टैंक की पाइप भी नाली में जोड़ी गई है।जिससे मंदिर जाने वाले भक्तों एवं स्कूली बच्चों में आंतरिक घृणा पैदा हो रही है हमेशा चहल-पहल का माहौल रहने वाली मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है।

बाबूलाल गुप्ता
 नगर पंचायत मझौली

2:-पूरे सड़क के साथ मंदिर प्रांगण में कई महीनों से यह गंदा पानी बह रहा है घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है बदबू से जी अकुलाने लगता है, बीमारी भी फैलने लगी है, क्या करें हम लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है।

पन्ना लाल गुप्ता
 नगर पंचायत मझौली
3:-   नाली का पानी बह रहा है इसकी जानकारी मिली है एक स्थान से खोला गया था वहां घर बन रहा है देखते हैं कुछ उपाय करते हैं नाली का काम चालू है।

लालजी सिंह
 प्रभारी सीएमओ नगर पंचायत मझौली

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