घण्टो जाम में फंसे रहे सीधी जिला कलेक्टर, बॉडी गॉर्ड ने खुलवाया जाम

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घण्टो जाम में फंसे रहे सीधी जिला कलेक्टर, बॉडी गॉर्ड ने खुलवाया जाम




घण्टो जाम में  फंसे रहे सीधी जिला कलेक्टर, बॉडी गॉर्ड ने खुलवाया जाम


सीधी।
इन दिनों सीधी शहर की यातायात व्यवस्था अक्सर ही खुद बेपटरी होती देखी जाने लगी है। यातायात पुलिस बल के जवान कुछ चौराहों पर तो दिख जाते है बाक़ी दो ग्रुपो में उन्हें शहर के बाहरी क्षेत्रों में लगा दिया जाता है। ये यातायात पुलिस का स्टाफ सुबह 10 बजे से देर रात तक अपने खास अभियान में व्यस्त देखा जाता है। एक दल चौफ़ाल रोड़ व एक़ दल मड़वास रोड रामपुर के पास भेजा जाता है दोपहर 2 बजे के पहले शहर से यातायात पुलिस नदारत रहती है। शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों बेपटरी सी नजर आती है, शहर के चारों तरफ टेढ़े-मेढे वाहन की कतारें व जाम का नजारा बना रहता है।


कलेक्टर खुद फंसे जाम में

कल सोमवार को ऐसा ही एक दिलचस्प नजारा हमारी टीम को देखने को तब मिला जब जिले के मुखिया कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी का वाहन घण्टो जाम में फसा रहा। वाहन का  हूटर बजता रहा पर जाम हटने को तैयार नहीं था। कलेक्टर के बॉडी गार्ड ने जब वाहन से उतरकर जाम खुलवाया तब कलेक्टर का वाहन आगे की ओर रवाना हुआ। उक्त जाम के समय एक भी यातायात पुलिस का कोई भी स्टाफ वहां पर मौजूद नही था जो जाम को खुलवा सके। 

शहर की यातायात बदहाली का जिम्मेदार कौन ?

जिले की यातायात व्यवस्था पर मानो ग्रहण लग गया है। एसपी पंकज कुमावत ने भी पद संभालते ही मीडिया से मुखातिब होते हुए यातायात व्यवस्था को सुधांरने का आश्वासन दिया था लेकिन समय बीतता गया बात भी हवा हो गई। अब इस बदहाली का जिम्मेदार किसे ठहराया जाय ? खैर जिसके हाँथ में कमान थी वो व्यवस्था तो नहीं सुधार पाये। आखों देखी माने तो यातायात के जवान यातायात व्यवस्था को सुधारने के काम से ज्यादा अपने विशेष अभियान में लगे रहते हैं। यातायात व्यवस्था को ग्रहण लगने की वजह क्या है..? ये बात विभागीय लोग ही बता सकते हैं।
अक्सर देखा जाता है कि शहर के चौराहे से भी यातायात पुलिस के जवान नदारत रहते हैं। आलम यह है की शहर के हर पॉइंट,चौराहों पर जाम लगा रहता है। कल सोमवार की दोपहर गांधी चौक से लेकर बस स्टैंड तक जाम लगा रहा।

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