मध्यप्रदेश में लैंड टाइटलिंग के लिए बनाया जाएगा कानून

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मध्यप्रदेश में लैंड टाइटलिंग के लिए बनाया जाएगा कानून



मध्यप्रदेश में लैंड टाइटलिंग के लिए बनाया जाएगा कानून
 

• मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की

भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में लैंड टाइटलिंग प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए कानून बनाया जाएगा। इसके माध्यम से मौका, नक्शा एवं खसरा में समानता होगी तथा विवाद रहित भूमि का भू-स्वामित्व संबंधित भू-स्वामी को प्रदान किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में व्यापक पैमाने पर राजस्व सुधार किए गए हैं, जिनके फलस्वरूप नागरिकों को कई प्रकार की सुविधाएं उनके मोबाइल पर घर बैठे मिल रही हैं। नागरिकों को भू-अभिलेखों की कहीं से भी प्रतिलिपि ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई हैं। नागरिकों को एम.पी. भू-लेख पोर्टल के माध्यम से भूमि संबंधी सेवाएं, आर.सी.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से राजस्व न्यायालयों से संबंधित सेवाएं, सारा पोर्टल के माध्यम से गिरदावरी व अन्य सर्वे संबंधी सुविधाएं तथा किसान एप के माध्यम से ई-उपार्जन पंजीयन, फसल स्व-घोषणा, गिरदावरी की जानकारी आदि सेवाएं प्राप्त हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल आदि उपस्थित थे।

 तीन वर्षों में करें कार्य पूर्ण:-

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि भूमि के नक्शों के डिजिटलाइजेशन का कार्य 3 वर्षों में पूरा किया जाए। कोर्स नेटवर्क की स्थापना कर सीमांकन की सुविधा प्रदान की जाए।

 स्वामित्व योजना का त्वरित क्रियान्वयन करें:-

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में स्वामित्व योजना का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इसके अंतर्गत 22 हजार 580 गांवों का आबादी सर्वे किया जाना है तथा गांवों में मकान, जमीन का स्वामित्व प्रदान किया जाना है। इससे मकान, जमीन पर स्वामित्व हक प्राप्त होने से बैंकों से ऋण लेने सहित कई सुविधाएं प्राप्त होंगी।

20 लाख किसानों को किसान कल्याण की राशि शीघ्र:-

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के 20 लाख किसानों को 2-2 हजार रुपये के मान से कुल 400 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र ही उनके खातों में अंतरित की जाएगी।

भू-अभिलेखों की ऑनलाइन प्रतिलिपि:-

प्रदेश में भू-अभिलेखों की ऑनलाइन प्रति प्रदाय करने की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। पटवारियों को लैपटॉप प्रदाय किए जा रहे हैं। प्रदेश में कहीं से भी नामांतरण की सुविधा प्रदान की जा रही है। आसामीवार खतौनी प्रदान की भी योजना है। ऑनलाइन भूमि व्यपवर्तन (डायवर्सन) तथा ऑनलाइन भूमि बंधक की सुविधा भी दी जा रही है। रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा नागरिकों को सभी राजस्व प्रकरणों को ऑनलाइन दर्ज कराने एवं निराकरण की सुविधा दी जा रही है। 'सारा एप' के माध्यम से नागरिकों को आबादी सर्वे (स्वामित्व), ई-गिरदावरी, फसल कटाई प्रयोग, प्राकृतिक प्रकोप पंजी, किसान कल्याण योजना आदि सुविधा प्रदान की जा रही हैं।

 2 करोड़ 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की ई-गिरदावरी सफल:-

प्रदेश में ई-गिरदावरी के अंतर्गत कुल 2 करोड़ 62 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 करोड़ 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की ई-गिरदावरी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 80.74 प्रतिशत है।

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