सीधी के व्यापारी जीएसटी के खिलाफ हुए लामबंद,26 को दुकानें व बाजार बंद

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सीधी के व्यापारी जीएसटी के खिलाफ हुए लामबंद,26 को दुकानें व बाजार बंद



सीधी के व्यापारी जीएसटी के खिलाफ हुए लामबंद,26 को दुकानें व बाजार बंद

सीधी।
जीएसटी का सरलीकरण करने और व्यापारियों के हितों की रक्षा की मांग को लेकर व्यापारियों ने 26 फरवरी को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है। 
केंद्र सरकार की व्यापारियों को लेकर जीएसटी समेत अन्य जटिल नीतियों के विरोध में कन्फडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) व भारतीय व्यापार मंडल जिला ईकाई की बैठक प्रिंस होटल के सभागार में हुई। जिसमें कैट के जिलाध्यक्ष कमल कामदार ने कहा ने कहा कि अभी तक व्यापारी सभी के हितों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, पर किसी ने व्यापारियों के हितों का ध्यान नहीं दिया। व्यापारियों को अब अपने हक की लड़ाई स्वयं लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि अपनी विभिन्न मागों को लेकर व्यापारी 26 फरवरी को एक दिन के लिए अपने सभी प्रतिष्ठान बंद रखकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने बताया कि इस दिन पूरे देशभर के व्यापारियों ने अपने व्यापार को बंद रखने का निर्णय लिया है।
बैठक में रामगोपाल गुप्ता ने बताया कि हम एक गैर राजनीतिक संगठन हैं। पर अब हमें अपने हितों की रक्षा के लिए सड़क पर उतरना होगा। उन्होंने सरकार से मांग की जो व्यापारी ईमानदारी से टैक्स भरते हैं बुजुर्ग होने पर सरकार द्वारा उन्हें भी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। 
पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष देवेंद्र सिंह मुन्नू ने कहा कि लोकतंत्र में हमें अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए संगठित होना ही होगा।
क्षेत्र के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश शुक्ला ने कहा कि हम सरकार के टैक्स कलेक्टर हैं। हमारे ऊपर पेनाल्टी इतनी भारी न हो कि अपराध से बड़ा दंड बन जाए। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि सरकार को अपनी मनमानी बंद करना चाहिए और व्यापारियों के हितों का ध्यान रखना चाहिए। बैठक में एडवोकेट आयकर, जी एस टी अलोक केसरी ने व्यापारी और जीएसटी की जटिलता के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में आज भी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला व्यापारी उतनी शिक्षित नहीं है कि वो जीएसटी की जटिलता को समझ सकें। सरकार को चाहिए की जीएसटी का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने बताया कि आज जीएसटी को लागू हुए जितने दिन नहीं हुए उससे अधिक तो संशोधन हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होने जीएसटी को लेकर कई जटिलता के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
एडवोकेट टेक्शेसन रवि चुगवानी ने बताया कि जीएसटी में अगर एक बार तकनीकी गलतियां हो जाए तो सुधारने का अवसर नहीं मिलता। कभी समय पर ओटीपी नहीं आता तो कभी जीएसटी नेटवर्क ठप हो जाता हैं। जिसका जुर्माना व्यापारी को भुगतना पड़ रहा है। वहीं दिलीप सितानी ने कहा कि सरकार ने बीमा जैसे बचत के क्षेत्र में भी जीएसटी लागू करके आमजनता पर कर का अतिरिक्त भार डाल रही है।
बैठक में सभी व्यापारियों ने केंद्र तक अपने विरोध की आवाज पहुंचाने और हितों की रक्षा की मांग को लेकर 26 फरवरी को स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का प्रस्ताव पारित किया। 
इस दौरान एसआईटी के संचालक दीपक गुप्ता, भोला प्रसाद गुप्ता, पंकज सिंह चौहान, मुनिराज विश्वकर्मा, बसंतानी, मुन्ना तिवारी, संतोष जायसवाल,संजय हरवानी, नरेंद्र "सोनू" केसरी समेत बड़ी संख्या में सीधी जिले के व्यापारी मौजूद थे।

जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन:-

कैट के जिलाध्यक्ष कमल कामदार के नेतृत्व में व्यापारियों ने 26 फरवरी को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने को लेकर जिला कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में कैट जिलाध्यक्ष कमल कामदार ने बताया कि जीएसटी को लेकर नए बजट सत्र में जो प्रावधान जोड़े गए हैं उससे देशभर के व्यापारियों में आक्रोश हैं। उन्होंने बताया कि देशभर के सभी व्यापारियों ने विरोधस्वरूप 26 फरवरी को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है। जिसका देशभर के व्यापारियों ने समर्थन किया है। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि सीधी के व्यापारी विरोधस्वरूप सभी बाजार और प्रतिष्ठान बंद रखेंगे। साथ ही बताया कि यह बंद पूर्णतः शांतिपूर्ण होगा, यह कोई राजनैतिक दल विशेष का विरोध नहीं है बल्कि सभी व्यापारियों का आंदोलन हैं।

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