नर्मदा नदी का पानी से 272 गाँव तक पहुंचेगा,इनको मिलेगा लाभ

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नर्मदा नदी का पानी से 272 गाँव तक पहुंचेगा,इनको मिलेगा लाभ



नर्मदा नदी का पानी 272 गाँव तक पहुंचेगा, इनको मिलेगा लाभ



इंदौर।
 मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहलाने वाली नर्मदा नदी का पानी मालवा और निमाड़ के उन 272 गांवों के सूखे खेतों को भी सींचेगा, जो अब तक नर्मदा से अछूते थे। इसके लिए ओंकारेश्वर में नर्मदा पर बने बांध से पाइपलाइन के जरिए पानी लाया जाएगा। इससे इंदौर, उज्जैन और खरगोन जिले की 80 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी। सांवेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना के नाम से बनी इस योजना को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वास्तव में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने यह योजना करीब दो साल पहले बनाई थी। तब इसकी लागत 2400 करोड़ रुपये थी, लेकिन लोहा, ईंधन और सीमेंट महंगा होने से इसकी लागत 2400 करोड़ से बढ़कर 2900 करोड़ रुपये हो गई। खास तौर पर यह योजना इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के लिए बनाई गई है। इसीलिए इसमें सर्वाधिक लाभान्वित होने वाले 178 गांव इसी क्षेत्र के हैं।
अकेले सांवेर विधानसभा क्षेत्र में 64 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नर्मदा खेतों को सींचेगी। विधानसभा क्षेत्र इंदौर-2 के एक और राऊ के तीन गांवों की कुल एक हजार हेक्टेयर खेती भी योजना से सिंचित होगी। कुछ पानी उज्जैन के 10 गांवों को भी मिलेगा, जिससे दो हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ होगा, जबकि खरगोन जिले के बड़वाह और महेश्वर विधानसभा के कुल 80 गांवों की 13 हजार हेक्टेयर जमीन भी सिंचित हो जाएगी। इस परियोजना में ओंकारेश्वर जलाशय से 77 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इससे 31 क्यूमेक्स पानी पंपों के जरिए उद्वहन करके लाया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग जगह पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। पानी लिफ्ट करने के लिए 155 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी। सिंचाई के अलावा इसमें से 1.5 पानी पेयजल और रास्ते के तालाब भरने और 1.5 क्यूमेक्स पानी उद्योगों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। एनवीडीए के अधीक्षण यंत्री एचआर चौहान ने बताया कि योजना के लिए टेंडर हो चुके हैं। 
वास्तव में सांवेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की कार्ययोजना तो तत्कालीन कमल नाथ सरकार के समय 2018 में ही बन गई थी, लेकिन सरकार गिरने और कोरोनाकाल के कारण योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब भाजपा की शिवराज सरकार इस योजना पर काम शुरू करने जा रही है। योजना का दिलचस्प पहलू यह भी है कि तब भी सांवेर के तत्कालीन कांग्रेस विधायक और मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रयास से यह योजना आई थी और अब भी उनके प्रयास से यह योजना आगे बढ़ रही है। बस फर्क यह है कि इस समय वे भाजपा की शिवराज सरकार के जल संसाधन मंत्री हैं।

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