सीधी:संक्रमण रोकथाम व्यवस्था बनाने में प्रशासन फेल,कार्यवाही ना होने से लापरवाह बन रहे कर्मचारी

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सीधी:संक्रमण रोकथाम व्यवस्था बनाने में प्रशासन फेल,कार्यवाही ना होने से लापरवाह बन रहे कर्मचारी

सीधी:संक्रमण रोकथाम व्यवस्था बनाने में प्रशासन फेल,कार्यवाही ना होने से लापरवाह बन रहे कर्मचारी

लापरवाही बर्दाश्त ना करने की दी गई थी हिदायत


 मझौली।
 क्षेत्र में तीव्र गति से फैल रहे संक्रमण के रोकथाम के लिए खंड प्रशासन बाजार क्षेत्र में भले ही पुलिस बल के साथ व्यवस्था बनाने में कुछ हद तक सफल रहा हो । किंतु ग्रामीण क्षेत्रों की व्यवस्था अभी भी चौपट है हिदायत के बाद भी कर्मचारी अधिकारी लापरवाही बरतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं आपको बता दें कि विगत 19 अप्रैल सोमवार को खंड प्रशासन की बैठक कर संक्रमण से निपटने हेतु जनप्रतिनिधियों वरिष्ठ नागरिकों एवं व्यापारियों से राय मशवरा किया गया था जहां पर प्रमुख रूप से इस बात पर जोर दिया गया था कि यदि ग्रामीण स्तरों में जन जागरूकता लाने की समुचित व्यवस्था कर दी जाए तो बाजार में आने जाने वाले लोगों की संख्या में निजात मिल सकता है जिसके लिए उपखंड अधिकारी मझौली द्वारा ग्राम पंचायतों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगा कर व्यवस्था बनाए जाने की बात कहते हुए हिदायत दी गई थी कि संक्रमण की रोकथाम में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी लेकिन हिदायत के बावजूद भी किसी तरह की कार्यवाही ना होने से ग्राम पंचायत के अधिकारी कर्मचारी एवं पंचायत कर्मी मनमानी पर उतारू हैं जो पूर्व की भांति अभी भी वरिष्ठ कार्यालयों के अगल बगल होटलों में बैठे या घूमते देखे जाते हैं कुछ भ्रष्टाचार की कमाई से निर्मित महलों में आराम फरमा रहे हैं शायद यह अपनी जवाबदारी भूल चुके हैं तथा उसी भ्रष्टाचार की राशि से वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कब्जे में ले चुके हैं। विदित हो कि मिल रही शिकायत के तहत हमारे संवाददाता द्वारा 23 अप्रेल दिन शुक्रवार को मुख्यालय के समीप के ही ग्राम पंचायतों पोड़ी, पांड, धनौली, खंमचौरा , ठोंगा का जायजा लिया गया जहां पर काफी लापरवाही देखने को मिली मात्र खमचौरा ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक उपस्थित रहे जिनके द्वारा बताया गया कि सचिव नहीं आए हैं 17 लोग बाहर से आए हैं जिन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया है एक पोस्टिव है जिन्हें आइसोलेशन में रखा गया है तथा शेष अन्य ग्राम पंचायतों विद्यालयों तथा शासकीय कार्यालयों में ताला लटका मिला ना तो कार्यालय में कर्मचारी मिले नाही गांव में काम करते हुए मजदूर जबकि गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा में कार्य कर रहे मजदूरों को मास्क उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तर से क्रय कर लिया गया है जबकि अभी तक ना तो पंचायतों में मजदूर लगे दिखे ना ही मास्क वितरित किया जाना पाया गया भ्रष्टाचार जरूर देखने को मिला ठोंगा सचिव पुरुषोत्तम गुप्ता जिन्हें धनौली ग्राम पंचायत का प्रभार भी दिया गया है धनौली में ना होने पर जब फोन लगाया गया तो बताया गया की ठोंगा में हूँ फोन से बताया गया कि 132 ठोंगा में कार्य कर रहे हैं लेकिन जब मीडिया तत्काल वहां पहुंची तो पंचायत में ताला लटका था मात्र एक जेसीबी मशीन मेड बंधान कार्य में लगी थी जिसके चालक द्वारा बताया गया कि भूस्वामी के कहने पर आया हूं चौकीदार से फोन पर बात की गई तो बताया गया कि सचिन 1 हफ्ते से नहीं आए हैं कोई काम नहीं चल रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है जिस पर लगाम लगा पाना वरिष्ठ अधिकारियों के लिए मुश्किल लग रहा है।  कई बार खबर प्रकाशन कर वरिष्ठ अधिकारियों को पंचायत कर्मियों की लापरवाही एवं किए गए भ्रष्टाचार की जानकारी से अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई अब देखना होगा जबकि उपखंड अधिकारी आनंद सिंह राजावत मझौली द्वारा संक्रमण की रोकथाम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं किए जाने की बात बैठक में कहीं गई थी इन लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही कर पाना खंड प्रशासन कहां तक सफल हो सकता है।

जाने कैसी मिली पंचायती व्यवस्था

1-ग्राम पंचायत पोड़ी----
 यहां पर चौकीदार का घर पंचायत भवन के बगल में है जो मेन गेट खोलकर गायब रहता है अंदर के रूम बंद थे कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था क्षेत्र में कहीं भी काम चालू नहीं पाया गया पंचायत कर्मियों का फोन नंबर पंचायत भवन में लिखा नहीं पाया गया रोजगार सहायक का नंबर मिला जिन्हें दो बार फोन लगाया गया लेकिन रिसीव करना उचित नहीं समझा गया लोगों द्वारा बताया गया कि केवल चौकीदार गेट खोल देता है यहां सचिव एवं रोजगार सहायक कभी नहीं बैठते।

2-- ग्राम पंचायत धनौली--
 जब ग्राम पंचायत धनौली का जायजा लिया गया तो पूर्व की तरह ग्राम पंचायत में सरपंच का कब्जा होना दिखा कचरा का ढेर लगा था गाड़ियां ट्रैक्टर भवन में खड़े थे पूछे जाने पर पता चला कि सचिव पुरुषोत्तम गुप्ता है जिन्हें फोन लगाया गया तो बताया गया कि हम तो ठोंगा में है वहां कोई काम नहीं चल रहा है बाहर से आने वाले मजदूरों की संख्या 4 बताई गई जबकि लोगों की माने तो भारी संख्या में बाहर से मजदूर आए हुए हैं।

3-- ग्राम पंचायत पांड--
  ग्राम पंचायत भवन में ताला लटका हुआ था सचिव महेंद्र सिंह को फोन लगाया गया तो बताएं कि हम 3 दिन से क्वॉरेंटाइन हैं रोजगार सहायक पंचायत देख रहे हैं जब रोजगार सहायक को फोन लगाया गया तो रोजगार सहायक पूर्व की तरह फोन रिसीव करना उचित नहीं समझे ग्राम पंचायत का भ्रमण कर जायजा लिया गया तो कहीं भी मजदूर कार्य करते नहीं देखे गए।

4-- ग्राम पंचायत खमचौरा-- 
ग्राम पंचायत का जायजा लिया गया जहां पर रोजगार सहायक कार्यालय में उपस्थित रहे जिन्होंने विधिवत रजिस्टर में बाहर से आने वाले लोगों एवं पोस्टिव केस विधिवत संधारित किए हुए थे सचिव रतन लाल केवट पूर्व की तरह लापता थे फोन लगाए जाने पर बताया गया कि बाजार कॉम से आया हूँ जबकि ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सचिव क्षेत्र में यदा-कदा ही आते हैं जब मीडिया की टीम ब्लॉक के पास पहुंची तो सचिव एक होटल में कार्यालय के सामने बैठे मिले जिन्हें पंचायत स्तर की कोई जानकारी नहीं थी मात्र फोन में मनमानी तरीके से बता दिए जबकि बोदारी टोला का भी प्रभार इन्हें सौंपा गया है।

ग्राम पंचायत ठोंगा---
 सचिव ठोंगा जो कि धनौली का भी प्रभारी है धनौली से फोन लगाया गया तो बताया गया कि ठोंगा में हूँ फोन पर बताया गया कि 4---5 मेड बंधान सहित काम चल रहा हैं 132 मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन जब हमारे संवाददाता वहां पहुंचे तो कार्यालय में अंदर से ताला लटकाया हुआ था कोई भी कर्मचारी नहीं था चौकीदार को फोन लगाया तो चौकीदार द्वारा बताया गया कि सचिव हफ्तों से नहीं आए हैं ग्राम पंचायत में क्या काम चल रहा है हमें जानकारी नहीं है जब ग्राम पंचायत का भ्रमण किया गया तो मात्र पंचायत भवन के समीप एक जेसीबी मशीन से मेड बंधान कार्य किया जा रहा था ड्राइवर से पूछने पर बताया गया कि मशीन अनिल किशोर द्विवेदी की है भूस्वामी के कहने पर काम कर रहे हैं। पंचायत में कहीं भी काम चालू नहीं पाया गया।

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