सीधी: रिश्वतखोर पटवारी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सीधी: रिश्वतखोर पटवारी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास



सीधी: रिश्वतखोर पटवारी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास


सीधी।
दिनांक 29.07.2021 को माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सीधी द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी रमेश चतुर्वेदी पिता वंशपति प्रसाद चतुर्वेदी उम्र-50 वर्ष निवासी पद-पूर्व पटवारी हल्का नंबर-29 सीधी खुर्द हाल-पटवारी संबद्ध एस.डी.ओ. कार्यालय तहसील गोपद बनास जिला सीधी को धारा 7 भ्रष्टा्चार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत 03 वर्ष का कारावास एवं 10000 रूपए अर्थदंड, धारा 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टायचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत आरोपी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
कु. सीनू वर्मा मीडिया सेल प्रभारी (लोक अभियोजन) सीधी द्वारा घटना का संक्षिप्ता विवरण बताया गया कि फरियादी प्रदीप जायसवाल निवासी तहसील गोपदबनास जिला सीधी द्वारा दिनांक 03.08.14 को लोकायुक्तर कार्यालय रीवा आकर पुलिस अधीक्षक महोदय को लिखित शिकायत की, कि आरोपी रमेश चतुर्वेदी ने फरियादी ने ग्राम मड़रिया में करीब दो वर्ष पहले आराजी क्र.-16/1 रकवा 20 गुणे 60 वर्गफिट का प्ला्ट क्रय किया था। रजिस्ट्री के लगभग 15 दिन बाद अपने प्लाटट की मूल रजिस्ट्री नामांतरण कराकर ऋण पुस्तिका बनाने हेतु तत्कालीन पटवारी हल्का सीधी खुर्द रमेश चौबे को दिया था। बाद में आरोपी ने प्लाट का नामांतरण करवाने एवं ऋण पुस्तिका देने के नाम पर फरियादी से 1000 रूपए मांगे, जो फरियादी नहीं देना चाहता था। उक्त संबंध में शिकायत के पश्चात दिनांक 07.08.14 को मांग के परिपेक्ष्य में फरियादी प्लांट का नामांतरण करवाने एवं ऋण पुस्तिका लेने के एवज में 1000 रू लेकर गया, तो आरोपी ने फरियादी से 1000 रूपए अवैध पारितोषिक के रूप में प्राप्त  कर आर्थिक/धनीय लाभ प्राप्तर किया। पुलिस अधीक्षक रीवा के निर्देशानुसार लोकायुक्त रीवा टीम के द्वारा अभियुक्तक को 1000 रू. की रिश्वपत लेते हुए पकड़ा गया एवं विवेचना उपरांत अभियोगपत्र माननीय विशेष न्याययालय (भ्रष्टाभचार निवारण अधिनियम) सीधी के समक्ष प्रस्तुात किया गया, जिससे संबंधित अपराध क्र. 355/14 एवं विशेष सत्र प्रकरण क्र. 03/15 में श्री प्रशांत कुमार पाण्डेय, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सीधी ने सशक्त पैरवी करते हुए अंतिम तर्क में मौखिक रूप में उचित एवं प्रभावशील तर्क रखते हुए आरोपी रमेश चतुर्वेदी को अधिक से अधिक सजा दिलाए जाने हेतु अपील करते हुए दोषी प्रमाणित कराया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ