युवतियों को मिल रहा आर्थिक संबल, ज्योति सिंह दे रहीं रोजगार

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युवतियों को मिल रहा आर्थिक संबल, ज्योति सिंह दे रहीं रोजगार



युवतियों को मिल रहा आर्थिक संबल, ज्योति सिंह दे रहीं रोजगार



शहडोल। 
जब आदमी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किलें उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाती है बल्कि व्यक्ति मुश्किलों में और निखर कर सामने आता है। शहडोल जिले की बुढार तहसील के गोपालपुर गांव में रहने वाली ज्योति सिंह ने आज से 3 साल पहले 10 हजार पूंजी लगाकर अपना खुद का बुटीक का काम शुरू किया और लॉकडाउन के बावजूद कड़ी मेहनत के बल पर आज की स्थिति में दो से ढाई लाख रुपये की पूंजी ज्योति ने तैयार कर ली है । वे आज पांच महिलाओं को भी रोजगार दे रहीं हैं। गोपालपुर में रहने वाली ज्योति अपने गांव से 5 किलोमीटर पैदल चलकर बुढार आती थीं और बुढार में एक कपड़े की दुकान में बतौर कर्मचारी 3 हजार रुपये मासिक वेतन पर काम करती थीं। चार साल ऐसे ही काम किया लेकिन एक दिन मन में आया कि जब हम दूसरे के लिए काम कर सकते हैं तो हम खुद के लिए काम क्यों ना करें और इसी सोच ने ज्योति को आगे बढ़ने के लिए ताकत दी। ज्योति ने बताया कि तीन साल पहले उसने बुढार में नैना फैशन बुटीक के नाम से एक छोटी सी दुकान शुरू की और इस काम को शुरू करने में आजीविका मिशन ने उसका सहयोग किया। शुरुआत में 50 हजार बतौर लोन लिया उसके बाद अपना काम शुरू किया। एक साल काम चला लेकिन अचानक कोरोना की लहर आ गई और दुकान को बंद करना पड़ा। कोरोना की पहली लहर के खत्म होते ही ज्योति ने फिर से पूरी दम के साथ अपना काम शुरू किया और 80 हजार रुपये फिर से लोन लेकर काम को आगे बढ़ाया । ज्योति ने बताया कि उसे अच्छा काम मिला जिससे उसने लोन चुका दिया लेकिन फिर दूसरी लहर ने उसे परेशान कर दिया। ज्योति ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर आने के ठीक 10 दिन पहले उसे आजीविका मिशन की ओर से स्कूल की ड्रेस बनाने का काम मिला। लॉकडाउन के दौरान घर में रहकर 700 ड्रेस तैयार की और इसके बदले उसे 50 से 60 हजार की आमदनी हुई। दूसरी लहर समाप्त होने के बाद जब अनलॉक हो गया तो ज्योति ने अपने काम को फिर से बढाने की शुरुआत कर दी है ।

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