सीधी:आशुतोष सिंह "बच्चू"के निधन से क्षेत्र में फैला मातम

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सीधी:आशुतोष सिंह "बच्चू"के निधन से क्षेत्र में फैला मातम



सीधी:आशुतोष सिंह "बच्चू"के निधन से क्षेत्र में फैला मातम


बुझ गया मझौली खेल जगत का एक और सितारा।



  मझौली ।नगर क्षेत्र मझौली निवासी बहुमुखी प्रतिभा के धनी एवं विद्यार्थी जीवन में विभिन्न खेल विधाओं में ब्लॉक स्तर से सफर आरंभ कर राष्ट्रीय स्तर तक अपने खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर खेल जगत के जगमगाते हुए सितारे के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले आशुतोष सिंह (बच्चू)-48 वर्ष के असामयिक निधन से जहां पूरे क्षेत्र में मातम छाया हुआ है वहीं खेल जगत के लिए उनका अचानक अवसान ऐसा दुखद पहलू है जिसकी सिसक वर्षो तक महसूस की जाती रहेगी. 
  बताते चलें कि तत्कालीन ग्राम पंचायत मझौली के प्राथमिक एवं हायर सेकेंडरी विद्यालय से अपनी शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात ए. पी. एस. विश्वविद्यालय से फिजिकल एजुकेशन में स्नातकोत्तर(एम. पी. एड.) उपाधि अर्जित करने तक के सफर के बीच, आशुतोष सिंह खो--खो खेल से अपने खेल जीवन की शुरुआत  करते हुए फुटबॉल, वॉलीबॉल के साथ-साथ क्रिकेट  मे भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विभिन्न खेल पुरस्कार व खेल पदक अपने नाम कर खेल जगत में चमकते सितारे के रूप में अपनी पहचान स्थापित की। बच्चू के नाम से लोकप्रिय आशुतोष अपने पिता अयोध्या सिंह, सेवानिवृत्त शिक्षक के इकलौते पुत्र थे, जो विगत दो दशक से ग्राम चमराडोल में अपने परिवार के साथ रह रहे थे फिर भी  क्षेत्र में किसी भी खेल के आयोजन में स्वयं शरीक होकर  खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते रहने के अलावा  क्षेत्रीय खेल प्रेमियों में खेल के प्रति  रुझान बनाए रखने  हेतु सतत प्रयासरत रहे।श्री बच्चू प्रथम कोरोना काल से पूर्व जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यालय उमरिया में अतिथि खेल शिक्षक के दायित्व का निर्वहन करते हुए कम समय में ही उक्त विद्यालय के खिलाड़ियों को विभिन्न खेल के गुर सिखाए जिसका नतीजा यह रहा कि  उक्त विद्यालय के कई खिलाडियों को संभाग स्तरीय टीम में शामिल होने का अवसर मिला। इसके पूर्व शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यालय ,चमराडोल एवं नौढिया में भी अतिथि शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं देते हुए विद्यार्थियों एवं स्थानीय खेल प्रेमियों में रुचि का संचार करने वाले आशुतोष के प्रयास का ही नतीजा रहा किवहां प्रतिवर्ष क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होने लगा।

 अविस्मरणीय रहा उनका व्यक्तित्व ----


              आशुतोष अपने चंचल व  हंसमुख स्वभाव के चलते  युवाओं में काफी लोकप्रिय रहे .  विभिन्न खेल विधाओं में पारंगत होने के चलते खिलाड़ियों के मार्गदर्शक व प्रेरणा स्रोत रहे बच्चू अपने सामाजिक कार्यों के चलते समाज में भी काफी लोकप्रिय एवं सम्मानित रहे हैं। दुर्भाग्य से लगभग 2 वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए आशुतोष का इलाज भोपाल चिरायू हॉस्पिटल में चल रहा था लेकिन काफी  संघर्ष के बाद  जिंदगी की जंग हारने की खबर लगते ही  पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। श्री बच्चू अपने पीछे वृद्ध माता-पिता , पत्नी , दो बेटी और एक बेटा को रोते बिलखते छोड़ कर स्वर्गवासी हो गए। उनके शोक संवेदना के लिए लोगों का तांता लगा रहा।

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