जानिए कौन है टैक्स चोरी के आरोपी इत्र कारोबारी पीयूष जैन

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जानिए कौन है टैक्स चोरी के आरोपी इत्र कारोबारी पीयूष जैन



जानिए कौन है टैक्स चोरी के आरोपी इत्र कारोबारी पीयूष जैन




कानपुर स्थित इत्र उद्योगपति पीयूष जैन के परिसरों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी में 250 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की गई।

केंद्रीय एजेंसियों ने 27 दिसंबर को कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था, तब उनके परिसरों पर विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छापे की एक श्रृंखला में 250 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की गई थी। जैन पर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

छापेमारी के दौरान 257 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोना-चांदी जब्त किया गया। कथित तौर पर पैसे को माल ट्रांसपोर्टर द्वारा नकली चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जोड़ा गया था।

कौन हैं पीयूष जैन (Who Is Piyush Jain)

पीयूष जैन कानपुर के परफ्यूम के बिजनेसमैन हैं। जैन कानपुर के इत्तरवाली गली में अपना व्यवसाय करते थे और कन्नौज, कानपुर और मुंबई में उनके कार्यालय थे।
कथित तौर पर, जैन को 120 घंटे से अधिक की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था। करीब 50 घंटे तक अधिकारियों से पूछताछ के बाद कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि आईटी अधिकारियों को जैन के पैतृक घर कन्नौज में एक तहखाने में 18 लॉकर और करीब 500 चाबियां मिलीं।

पीयूष के पिता ने ली थी विदेशी नागरिकता 

जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि पीयूष जैन के पिता महेश चंद जैन के पास विदेशी नागरिकता भी है। उनकी 20 वर्ष विदेश में खासी सक्रियता रही। इस दौरान उनका कानपुर और कन्नौज नियमित रूप से आना जाना भी होता रहा। हालांकि, स्वास्थ्य खराब होने से पिछले कुछ वर्ष में उनका बाहर जाना बहुत ही कम हो गया। अधिकारी उनके विदेश में रहने के दौरान के कारोबारों की भी जानकारी कर रहे हैं।

पीयूष की पत्नी और पिता के रिटर्न की भी जांच

पीयूष जैन का आयकर रिटर्न 12 से 13 लाख रुपये के आसपास की आय का था। उसके पिता और पत्नी के रिटर्न भी उसके रिटर्न के आसपास ही हैं। आयकर विभाग यह भी देख रहा है कि पत्नी की आय के क्या साधन दिखाए गए हैं।

45 तरह के इत्र बनाने का कच्चा माल मिला

पीयूष की कन्नौज स्थित फैक्ट्री में अधिकारियों को 45 तरह के इत्र के कच्चे स्टाक मिले। इन पर कीमत का कोई रैपर नहीं था, जिससे विशेषज्ञों को बुलाकर उसकी भी जांच कराई जा रही है।

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