सीधी:स्वामी विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन

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सीधी:स्वामी विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन



सीधी:स्वामी विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन
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स्वामी विवेकानंद जी ने भारत की संस्कृति को विश्व के पटल पर स्थापित किया - विधायक श्री शुक्ल
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   मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद सीधी के द्वारा जनपद पंचायत सभागार सीधी में स्वामी विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केदारनाथ शुक्ल विधायक विधानसभा सीधी एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष राजीव मिश्रा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीधी तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अजय मिश्रा संचालक ज्योत्सना स्कूल एवं उपाध्यक्ष भारत स्काउड गाइड भारत सरकार, शिवेन्द्र जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सीधी, रमेश सिंह परिहार मानवाधिकार संगठन की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ मुख्य अतिथि के द्वारा स्वामी विवेकानन्द जी की फोटो पर माल्यार्पण के द्वारा किया गया। 

  मुख्य अतिथि विधायक केदारनाथ शुक्ल द्वारा अपने उदबोधन में कहा कि देश में लोग कह रहे थे कि सॉप-सपेरो, जादू-टोना का देश है, हमारी संस्कृति को जानते नही  थे, शिकागों सम्मेलन के बाद दुनिया को पता चला कि भारत की इतनी संस्कृति है। जब दुनिया के लोग कुछ नही जानते थे, तब भारत के लोग पृथ्वी को भूगोल कहते है। हम सुबह से रात तक भारतीय संस्कृति में जीते है, हम कभी भी भौकिवादी नही बल्कि संस्कृतिवादी रहे, हम उपभोगी नही रहे है। कुछ देश स्वामी जी का मजाक उड़ाना चाहते थे, सड़क के किनारे चाय की कहानी कप और चाय साथी थे, चाय वाट कर खाने की संस्कृति है, स्वामी जी से विवाह को कहा तो उन्होने कहा मैं सन्यासी हूॅ, सन्यासी विवाह नही कर सकता है, सन्यासी तीनो आश्रमो को पार कर लिया है। अतः हम विवाह नही कर सकते है, उन्होने उस महिला को मॉ से सम्बोधन किया। रामकृष्ण जी ने सन्यास की दीक्षा दी उनके नाम पर रामकृष्ण परमहंस बनवाया। उपनिषद में मेरे पास आकर बैठो के पश्चात सभ्यता में नजदीक होने के बावजूद आप भारतीय संस्कृति में जीते है, पहले जूता बाहर उतारकर घर में प्रवेश करते थे, किसी भी कार्यक्रम में पहले स्वतिवाचन करते है यही भारतीय संस्कृति है। स्वामी शंकराचार्य ने वैदिक धर्म को वापस लाया, समय का प्रबंधन जरूर करें, समय पर विधायक जी ने बहुत जोर दिया। मकर संक्राति हमारी दुनिया में सबडी संस्कृति का प्रमाण है। 

  शुभारंभ के पश्चात सर्वप्रथम परिषद के जिला समन्वयक शिवदत्त उरमलिया द्वारा स्वामी विवेकानन्द जी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी साथ ही इनके द्वारा स्वामी विवेकानन्द के जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में विकासखण्ड समन्वयक मझौली रजनीश मिश्रा द्वारा उपस्थित सभी अतिथियां, प्रस्फुटन समितियों प्रतिनिधियो, स्वयंसेवी संगठनो के प्रतिनिधियो, छात्रों एवं वालेन्टियरों का आभार व्यक्त किया। 

  कार्यक्रम में परिषद के वि.ख. समन्वयक सिहावल अनिल कुमार पाठक, मझौली रजनीश मिश्रा एवं देववती सिंह सहित प्रस्फुटन समितियों प्रतिनिधियो, स्वयंसेवी संगठनो के प्रतिनिधियो, सी.एम.सी.एल.डी.पी. छात्रों एवं कोरोना वालेन्टियर्स उपस्थित थे।

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