सीधी: स्कूल संचालकों और बस चालको-परिचालकों की बैठक संपन्न, पुलिस अधीक्षक ने दिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

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सीधी: स्कूल संचालकों और बस चालको-परिचालकों की बैठक संपन्न, पुलिस अधीक्षक ने दिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश



सीधी: स्कूल संचालकों और बस चालको-परिचालकों की बैठक संपन्न, पुलिस अधीक्षक ने दिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

सीधी।
वरिष्ठ  पुलिस अधीक्षक सीधी श्री मुकेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में यातायात जन जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत स्कूल संचालकों एवं स्कूल बस/वैन चालको, परिचालकों की बैठक ली गई। उक्त बैठक में स्कूल संचालकों को निर्देश दिए गए कि बसों या अन्य स्कूल वाहनों के परमिट फिटनेस बीमा जैसे कागजातों को दुरस्त रखा जाए साथ ही बस में अगर छात्राएं सफर करती हैं तो बस में महिला अटेंडर की उपस्थिति अनिवार्य की जाए। बस चालकों परिचालकों को वर्दी पहनना अनिवार्य है जिस पर उनका नेम प्लेट भी लगा होना चाहिए साथ ही बस के पीछे बस ड्राइवर कंडक्टर का मोबाइल नंबर और स्कूल का हेल्पलाइन नंबर तथा स्कूल का नाम स्पष्ट लिखा होना चाहिए। बस में सीसीटीवी कैमरा स्पीड गवर्नर फर्स्ट एड बॉक्स अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है साथ ही बस में किसी भी स्थिति में प्राइवेट व्यक्तियों को सफर ना कराया जाए एवं क्षमता से अधिक बच्चों को बस में ना बैठा जाए।

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले चालकों परिचालकों से न कराया जाए बस का संचालन:-

पुलिस अधीक्षक ने बस संचालक चालक परिचालकों के प्रशिक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि अपराधिक पृष्ठभूमि वाले चालकों परिचालकों से बस का संचालन नहीं कराया जाना चाहिए एवं समय-समय पर चालक परिचालकों का स्वास्थ्य परीक्षण हो वा किसी भी प्रकार के नशे की हालत में वाहन चालक परिचालक वाहन का संचालन नहीं करेंगे। उक्त नियमों को यदि वाहन चालक परिचालक द्वारा तोड़ा गया तो उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जावेगी।

नाबालिक छात्रों द्वारा वाहन लाए जाने पर विद्यालय में ना दिया जाए प्रवेश, लाइसेंस धारी वाहन चालकों को हेलमेट लगाना करें अनिवार्य:-

यातायात जन जागरूकता प्रशिक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा विद्यालय संचालकों को दो पहिया वाहन चालकों के संबंध में निर्देश दिए गए के नाबालिग वाहन चालकों को वाहन के साथ विद्यालय में प्रवेश ना दें एवं लाइसेंस धारी वाहन चालकों को हेलमेट लगाने हेतु प्रेरित करें।

प्रत्येक माह में एक बार अवश्य कराएं छात्र-छात्राओं को यातायात थाने का भ्रमण:-

पुलिस अधीक्षक द्वारा स्कूल संचालकों को प्रत्येक माह में एक बार छात्र-छात्राओं को यातायात थाने का भ्रमण कराने हेतु भी प्रेरित किया गया साथ ही स्कूल कॉलेज में यातायात जागरूकता पर फिल्म और प्रदर्शनी दिखाएं जाने के सकारात्मक प्रभाव के विषय में भी बात की गई।प्रत्येक स्कूल कालेज परिसर में दृष्टव्य  स्थानों पर पुलिस सहायता के नंबर दर्शित किए जावें।
उक्त प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले द्वारा अभिभावकों से संबंध स्थापित कर बच्चों को एक स्वस्थ वातावरण देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे बस के स्टाफ को ही नहीं जानते हैं इस बात का विशेष ख्याल रखें कि बच्चों को यदि कोई परेशानी हो तो वह बेझिझक बस स्टॉफ से बात कर सकें। बच्चों को अजनबी लोगों के संपर्क में ना आने दें। बच्चों को बस में चढ़ाते और उतारते समय सड़क से गुजरते हुए अन्य वाहनों का पर्याप्त ध्यान दिया जाए। प्रशिक्षण में उप पुलिस अधीक्षक नीरज नामदेव द्वारा दुर्घटनाओं के संबंध में आंकड़ों के माध्यम से जानकारी देते हुए यातायात नियमों के पालन के प्रति प्रेरित किया गया उन्होंने बताया कि विश्व के 1% वाहन भारत में पाए जाते हैं किंतु 11% मौतें भारत में होती है क्योंकि हम यातायात के प्रति जागरूक नहीं है साल में लगभग साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं देश में होती हैं जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। प्रशिक्षण में पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश कुमार श्रीवास्तव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले उप पुलिस अधीक्षक नीरज नामदेव यातायात निरीक्षक कल्याणी पाल टीआई कोतवाली मनोज सोनी जमोडी प्रभारी शेषमणि मिश्रा, सूबेदार भागवत प्रसाद पाण्डेय एवं जिले के विभिन्न स्कूलों के संचालक, संचालक प्रतिनिधि, चालक एवं परिचालक उपस्थित रहे।

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