MP में रेपिस्टों को आजीवन कारावास में नहीं मिलेगी कोई छूट:मरते दम तक जेल में रहना होगा

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MP में रेपिस्टों को आजीवन कारावास में नहीं मिलेगी कोई छूट:मरते दम तक जेल में रहना होगा

MP में रेपिस्टों को आजीवन कारावास में नहीं मिलेगी कोई छूट:मरते दम तक जेल में रहना होगा



भोपाल । मध्यप्रदेश में रेपिस्टों के खिलाफ बड़ा फैसला लिया गया है. राज्य में अब महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप करने वालों को आजीवन कारावास में कोई छूट नहीं मिलेगी। ऐसे अपराधियों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा। गैंगरेप के दोषियों पर भी यही कानून लागू होगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने हाल ही में बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों को सजा में छूट देते हुए रिहा कर दिया है लेकिन मप्र सरकार ने इसके उलट नियम बना दिया है। राज्य सरकार को अभी तक अच्छे आचरण वाले अपराधियों को सजा में छूट देने का अधिकार था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
बच्चों के साथ दुष्कर्म या दो बार रेप के दोषियों को सजा में कोई छूट अथवा माफी नहीं दी जाएगी- प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि बच्चों के साथ दुष्कर्म या दो बार रेप के दोषियों को सजा में कोई छूट अथवा माफी नहीं दी जाएगी। गुरुवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि आतंकी घटनाओं में लिप्त लोगों, टाडा और पाक्सो एक्ट के दोषियों, ड्रग्स डीलर और जहरीली शराब बेचने वाले तथा प्रदेश में अपराध करने के दोषी विदेशी नगरिकों को भी सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी।


अन्य मामलों में छूट देने तीन स्तरीय कमेटी:-

जानकारी के मुताबिक हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को छूट देने के लिए तीन स्तरीय कमेटियों में फैसला होगा। यह कमेटियां जेल, जिला और राज्य स्तरीय पर होंगी, लेकिन डकैती के दौरान हत्या के दोषियों को सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी। ऐसे कैदियों को 20 साल तक जेल में ही रहना होगा। इसके अलावा 70 साल के वृद्ध और 60 साल की महिलाएं, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली है, उनकी प्रतिबंधित श्रेणी को छोड़कर अन्य मामलों में समय पूर्व रिहाई दी जा सकेगी।

डकैती के दौरान हत्या के दोषियों को सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी:-


 सरकार ने इस संबंध में प्रदेश में 2012 से लागू नीति में संशोधन कर दिया है। इसके अंतर्गत अब हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को छूट देने के लिए तीन स्तरीय कमेटियों में फैसला होगा। कमेटियां जेल जिला और राज्य स्तरीय होंगी. डकैती के दौरान हत्या के दोषियों को सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी। ऐसे कैदियों को पूरे 20 साल तक जेल में ही रहना होगा। नरसंहार व राष्ट्रद्रोह के बंदियों को भी रिहाई नहीं मिलेगी.

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