चाणक्य नीति: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में छिपी होती हैं ये इच्छाएं, नहीं कर पाती खुद पर कंट्रोल

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चाणक्य नीति: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में छिपी होती हैं ये इच्छाएं, नहीं कर पाती खुद पर कंट्रोल



चाणक्य नीति: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में छिपी होती हैं ये इच्छाएं, नहीं कर पाती खुद पर कंट्रोल


Chanakya niti : आचार्य चाणक्य के ज्ञान को उनकी नीतियों के रूप में जाना जाता है, उनके निति शास्त्र में जीवन को सही मार्ग देने के बारे में बताया गया है.

इसी कड़ी में आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति ग्रंथ में स्त्रियों के बारे में वो खास बातें बताई है जो स्त्रियां अपने मन में छिपाकर रखती हैं. किसी को नहीं बताती हैं. चाणक्य ने अपनी नीति में पुरूषों औऱ महिलाओं के बारे में अंतर भी बताया है, जिसमें उनकी भावनाओं के बारे में बताया गया है.

1. स्त्री का आहार 

इस श्लोक का अर्थ है आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में स्त्रियों की ताकत के बारे में बताया है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री का आहार यानी उनकी भूख पुरुषों से दुगनी होती हैं. वर्तमान में कई स्त्रियों के साथ ऐसा नहीं हैं इसकी वजह आज के समय का रहन-सहन और खान-पान का गड़बड़ होना है.

2. स्त्रियों में शर्म

इसके अलावा चाणक्य कहते हैं कि स्त्रियों में शर्म यानी लज्जा पुरुषों से चार गुना ज्यादा होती है. महिलाओं में शर्म इतनी ज्यादा होती है कि वह किसी भी बात को कहने में कई बार सोचती हैं.

3. छ: गुना साहस

वहीं स्त्रियों में पुरुष से छ: गुना साहस भी होता है. इसलिए ही स्त्रियों को शक्ति स्वरूप भी माना गया है. चाणक्य ने अपने श्लोक में ये भी लिखा है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा साहसी होती है, लेकिन आम लोग इसका बिल्कुल उल्टा सोचते हैं कि पुरुष महिलाओं के मुकाबले में ज्यादा साहसी होते हैं.

4. कामेच्छा महिलाओं में पुरुषों से अधिक

वहीं चाणक्य ने कहा है स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से आठ गुना ज्यादा होती है, लेकिन उनमें लज्जा और सहनशक्ति भी बहुत होने से वो इसको उजागर नहीं होने देती और धर्म एवं संस्कार को ध्यान में रखते हुए परिवार को संभालती हैं.

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