सीधी:शादी का झांसा देकर अपहरण कर बलात्‍कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास व 6 हजार का अर्थदण्ड

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सीधी:शादी का झांसा देकर अपहरण कर बलात्‍कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास व 6 हजार का अर्थदण्ड




सीधी:शादी का झांसा देकर अपहरण कर बलात्‍कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास व 6 हजार का अर्थदण्ड


  सीधी। विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की न्यायालय के द्वारा विचारण उपरांत थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी के अपराध क्रमांक 492/20 धारा 363, 366, 376(3) भा.द.सं. ¾ पॉक्सो एक्ट एवं 3(1)(w)(ii), 3(2)(v) scst act म.प्र. शासन विरूद्ध शिवराज वैस तनय रामानुज वैस उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम बुढवा थाना देवलोंद जिला शहडोल म.प्र. को धारा ¾ पॉक्सोे एक्ट में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/-रू. अर्थदण्ड एवं 3(1)(w)(i) scst act में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया गया। 
  बताया गया कि अभियोक्त्री की मॉ ने दिनांक 07.08.2020 को थाना रामपुर नैकिन में उपस्थित होकर थाना प्रभारी रामपुर नैकिन को गुमसुदगी की सूचना दर्ज कराई कि उसकी लडकी अभियोक्त्री उम्र 15 वर्ष 7 माह को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर कहीं लेकर चला गया है, वह कहीं भी नही मिल रही है। पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्रमांक 492/20 धारा 363 भा.दं.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं दिनांक 11.08.20202 को अभियोक्त्रीं को दस्तयाब कर परिजन को सौंपा गया। दौरान विवेचना पता चला कि अभियुक्त ने दिनांक 06.08.2020 को 11:00 बजे दिन ग्राम मझिगवां (अन्तर्गत आरक्षी केन्द्री रामपुर नैकिन, जिला सीधी) से पीडित बालिका उम्र 15 वर्ष 07 माह का उसके विधिक संरक्षक माता-पिता की अनुमति के बिना ले जाकर उक्त बालिका का उसके विधिपूर्ण संरक्षक की संरक्षकता में से व्यपहरण किया एवं पीडित बालिका को उसके माता-पिता के संरक्षण से ब्योहारी व वहां से रीवा ले जाकर उसका व्यपहरण संभोग करने के लिए अथवा विवाह करने के लिए विवश या विलुब्ध की जावेगी एवं 16 वर्ष से कम आयु की अभियोक्त्री को रीवा ले जाते समय रास्ते के बगीचे में उसकी सहमति से या उसके बिना उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर बलात्कार एवं प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया। विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायालयीन विचारण के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप न्यायालयीन सत्र प्र. क्र. 52/20 में माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अभियुक्त को धारा ¾ पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/-रू. अर्थदण्ड एवं 3(1)(w)(i) scst act में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया। साथ ही अर्थदण्ड की राशि वसूल होने पर 6,000/- रू. प्रतिकर के रूप में अभियोक्त्री को अपील अवधि पश्चात दिये जाने का आदेश भी पारित किया गया।

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