सीधी:महिला की अनुचित मनचाही दवा ना करना डॉक्टरों को पड़ा भारी, पति ने डॉक्टरों के साथ की अभद्रता और गाली गलौज, मामला पहुंचा थाने

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सीधी:महिला की अनुचित मनचाही दवा ना करना डॉक्टरों को पड़ा भारी, पति ने डॉक्टरों के साथ की अभद्रता और गाली गलौज, मामला पहुंचा थाने



सीधी:महिला की अनुचित मनचाही दवा ना करना डॉक्टरों को पड़ा भारी, पति ने डॉक्टरों के साथ की अभद्रता और गाली गलौज, मामला पहुंचा थाने



मामला सीधी जिले के मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है जहां महिला के मंशा अनुसार अनुचित दबा ना करना नागवार गुजरा और वह पहले तो यूट्यूबर पत्रकार पति को हॉस्पिटल में बुलाकर डॉक्टरों पर धौस जमाने की कोशिश की लेकिन डॉक्टरों द्वारा अनुचित उपचार करने से मना कर देने पर एक व्यक्ति विशेष डॉक्टर पर आरोप लगा कार्यवाही की मांग कर रही हैं। वही लोगों में अनर्गल आरोप लगाए जाने की चर्चा क्षेत्र में फैली हुई है। वहीं कुछ यूट्यूब चैनलों द्वारा खबर चलाए जाने पर स्थानीय मीडिया द्वारा जब हकीकत जानने का प्रयास किया गया तो इसमें एक नया मोड सामने आ गया है। उपस्थित डॉक्टर द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि महिला द्वारा आयरन का बॉटल लगाने का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन जांच मुताबिक बॉटल चढ़ाया जाना उचित नहीं था क्योंकि महिला गर्भवती थी साथ ही गंभीर एनीमिया थी जिसके लिए खून चढ़ाना उचित नहीं था। लेकिन बार-बार समझाइस के बाद भी महिला आपने बात पर अड़ी थी कि आयरन का बाटल चढ़ाया जाए। बाटल चढ़ाए जाने से मना कर देने पर अपने पति को बुला लिया जिनके द्वारा अपने आप को पत्रकार बताते हुए डॉक्टरों से अभद्रता करते हुए गाली गलौज की गई। यहां तक कि आवेश में आकर देख लेने की धमकी देना बताया गया। यह पूरा मामला संदेह के घेरे में है,क्योंकि ड्यूटी में 2 डॉक्टर थे जिसमें से केवल एक डॉक्टर पर पूरा आरोप मढ़ा गया है जबकि दूसरे डॉक्टर द्वारा भी जांच कराया जाकर उचित सलाह दी गई थीं। महिला द्वारा लगाए गए आरोप की चारों तरफ निंदा की जा रही है लोगों की माने तो किसी अधिकारी कर्मचारी पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाना अच्छा नहीं है डॉक्टर राकेश तिवारी एक डॉक्टर के रूप में कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वाह करते देखे जा रहे हैं। यहां तक की दिन रात जितने समय जो कोई पहुंच जाता है जहां जिस हालत में रहते हैं हॉस्पिटल पहुंचकर उपचार करते हैं ऐसे डॉक्टर पर इस तरह का आरोप निंदनीय है। पूरे मामले की जानकारी जब सीबीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली से ली गई तो बताया गया कि मैं छुट्टी में था लेकिन जब आया तो पता चला कि अनुचित दवा ना करने के कारण महिला द्वारा अनर्गल आरोप लगाकर हमारे डॉक्टर को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जिसकी जानकारी दोनों पक्ष से ली जा रही है इसके बाद कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र लिखा जाएगा। हालांकि पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों द्वारा लिखित रिपोर्ट दी गई है जिसकी जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा कार्यवाही की जाएगी। अब देखना होगा जबकि मामला थाने तक पहुंच चुका है। जांच विवेचना ने कौन सही कौन झूठा साबित होता है।

इनका है कहना

1-महिला गंभीर एनीमिया से पीड़ित थी गर्भवती भी थी जांच करवाया गया जिस में खून की कमी पाई गई लेकिन महिला जिद कर रखी थी कि आयरन का बॉटल चढ़ाया जाय जो जांच रिपोर्ट के अनुसार अनुचित था नहीं चढ़ाने जाने पर महिला द्वारा पति को बुलाया गया जो अभद्रता एवं गाली गलौज कर रहा था।

मौके पर मौजूद डॉक्टर जबीं नागौरी

2-मैं छुट्टी में था आने पर पता चला कि महिला द्वारा अनुचित दबा किए जाने का दबाव बनाया जा रहा था हमारे डॉक्टरों द्वारा जांच कराई गई जो गर्भवती थी साथ ही गंभीर एनीमिया से ग्रसित थी ब्लड मात्र 5 ग्राम था जिसे आयरन का बोतल चढ़ाया जाना उचित नहीं था बार-बार समझाई देने के बाद भी महिला आपने बात पर अड़ी रही। आयरन का बोतल चढ़ाने से मना कर देने पर अपने पति को बुलाई जिसके द्वारा हमारे डॉक्टरों के साथ अभद्रता एवं गाली गलौज किए जाना बताया जा रहा है उसका भी पक्ष जानकर कार्यवाही हेतु कार्यालय पत्र लिखा जाएगा।

डॉ.पीएल सागर
 मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी मझौली

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