Bhawana Kishore:पत्रकार भावना को जेल भेजे जाने पर मान सरकार को कोर्ट ने लगाई फटकार,ड्राइवर, कैमरामैन को क्यों किया गिरफ्तार?

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Bhawana Kishore:पत्रकार भावना को जेल भेजे जाने पर मान सरकार को कोर्ट ने लगाई फटकार,ड्राइवर, कैमरामैन को क्यों किया गिरफ्तार?



Bhawana Kishore:पत्रकार भावना को जेल भेजे जाने पर मान सरकार को कोर्ट ने लगाई फटकार,ड्राइवर, कैमरामैन को क्यों किया गिरफ्तार?


Bhawana Kishore : टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्टर भावना किशोर की गिरफ्तारी मामले में मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि जज ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ड्राइवर और कैमरामैन की गिरफ्तारी गैर-कानूनी थी। उन्हें गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजना था। कोर्ट ने मान सरकार से पूछा कि उसने भावना के अलावा ड्राइवर और कैमरामैन को गिरफ्तार क्यों किया? वहीं, पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में अपनी गलती मानी। राज्य सरकार ने कहा कि कैमरामैन और ड्राइवर को जेल नहीं भेजा जाना चाहिए थी। जज ने कहा कि ड्राइवर और कैमरामैन दोनों के जीने की आजादी छीनी गई।

तल्ख टिप्पणी करते हुए बेहद ही गंभीर सवाल भी खड़े करे

पत्रकार भावना गुप्ता, कैमरामैन मृत्युंजय और ड्राइवर परमिंदर इन तीनों को अंतरिम जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी की पूरी प्रक्रिया पर बेहद ही तल्ख टिप्पणी करते हुए बेहद ही गंभीर सवाल भी खड़े करे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जहां तक महिला पत्रकार के साथ उनके कैमरामैन और ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर का मामला है तो इन दोनों के खिलाफ जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, तो क्यों इन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने इसकी आरोपियों को जानकारी नही दी, ड्यूटी मैजिस्ट्रेट और स्पेशल कोर्ट के जज ने भी मैकेनिकल तरीके से ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया, जबकि इन्हें तभी जमानत दी जा सकती थी।

सोमवार को जस्टिस ने मामले को सीजे के पास भेजा

चैनल की रिपोर्टर भावना किशोर को नियमित जमानत देने की मांग वाली अर्जी पर सोमवार को भी हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों पंजाब सरकार और चैनल के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई जिसके बाद जस्टिस दीपक सिब्बल ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस दीपक सिब्बल ने सुनवाई के लिए इस केस को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया। 

भावना को 'टारगेट' किया गया

सोमवार को सुनवाई के दौरान नवभारत के वकील ने अदालत से कहा कि भावना को 'टारगेट' कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज केस को रद्द किया जाए क्योंकि कोर्ट पहले भी इस तरह के केस को रद्द कर चुका है। 'ऑपरेशन शीशमहल' के जरिये दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से जुड़े खुलासे के बाद पंजाब के लुधियाना में टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्टर भावना किशोर को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। भावना किशोर के साथ कैमरामैन मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमिंदर को भी गिरफ्तार किया गया।


भावना की गिरफ्तारी चौंकाने वाली
 5 मई 2023 को लुधियाना में टाइम्स नाउ नवभारत की पत्रकार भावना किशोर को कैमरामैन मृत्युंजय और उनके ड्राइवर के साथ गिरफ्तार कर लिया जाता है। निमंत्रण मिलने के बाद भावना किशोर अपनी टीम के साथ अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भागवत मान के एक कार्यक्रम को कवर करने के लिए लुधियाना गईं थीं। जहां उन्हें लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना पुलिस द्वारा "तेज़ गाड़ी चलाने और दलितों का अपमान करने" के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया।


सुनियोजित थी गिरफ्तारी

ऐसा प्रतीत होता है कि 05 मई की घटना सुनियोजित थी। सबसे पहले केजरीवाल के मोहल्ला क्लिनिक के कार्यक्रम को कवर करने के लिए टीम को रोका जाता है। उन्हें कार्यक्रम को कवर करने नहीं दिया जाता है। शाम करीब 4 बजे वहां से लौटते समय, उन्हें एक ई-रिक्शा में सवार महिलाओं के एक समूह द्वारा रोका जाता है, जो उस कार से जा टकराई थी, जिसमें भावना और उनकी टीम यात्रा कर रही थी। इसके बाद भावना की टीम को जबरन रोक लिया जाता है। आपस में कहा-सुनी होती है, जिसके बाद स्थानीय पुलिस को बुला लिया जाता है। हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि ये महिलाएं आप कार्यकर्ताओं से प्रेरित थीं। उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि भावना की टीम ने उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया, दुर्व्यवहार किया। अब यहां सवाल ये उठता है कि दिल्ली से आए लोग, जो लुधियाना के लिए अंजान है, सड़क पर अजनबियों की जाति का अनुमान कैसे लगा पाएंगे?
पुलिस का व्यवहार संदेहास्पद
इसके बाद जब पुलिस आती है तो वो कई नियमों का उल्लंघन करती है। पुलिस एक महिला रिपोर्टर को, बिना महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति के अवैध रूप से हिरासत में लेती है। जो पुलिसकर्मी भावना को हिरासत में लेता है, उसकी वर्दी पर नेमप्लेट तक नहीं होता है। जो ड्यूटी पर जरूरी चीजों में बेहद अहम है। हिरासत के तुरंत बाद परिवार के सदस्यों को सूचित करना होता है, लेकिन इसका भी उल्लघंन होता है। भावना के परिवार को रात 10:41 बजे सूचित किया जाता है। सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद भावना को न केवल रात 8:55 बजे गिरफ्तार किया गया था, बल्कि उसे रात भर और शनिवार को दोपहर तक पुलिस स्टेशन में भी रखा जाता है। उन्हें किसी भी कानूनी या फोन की पहुंच से भी वंचित कर दिया जाता है। इसके साथ ही भावना किशोर को गुरुमुखी में कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जाता है।

क्रेडिट: NBT

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