सरस्वती हत्याकांड:इलेक्ट्रिक आरा मशीन से 20 टुकड़े किया था तथाकथित प्रेमी, शव रख बेखौफ सोता था मनोज

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सरस्वती हत्याकांड:इलेक्ट्रिक आरा मशीन से 20 टुकड़े किया था तथाकथित प्रेमी, शव रख बेखौफ सोता था मनोज




सरस्वती हत्याकांड:इलेक्ट्रिक आरा मशीन से 20 टुकड़े किया था तथाकथित प्रेमी, शव रख बेखौफ सोता था मनोज



मुंबई के मीरा रोड इलाके में हुए सरस्वती हत्याकांड में लगातार नए और सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। बुधवार की शाम को पुलिस ने सरस्वती वैद्य के शव के टुकड़े एक फ्लैट से बरामद किए थे, जहां वह 56 साल के प्रेमी मनोज साने के साथ रहती थी।
सरस्वती अनाथ थी और 10 साल पहले दोनों एक राशन की दुकान पर मिले थे, जिसके बाद दोनों में प्यार बढ़ा तो लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। लेकिन इस रिश्ते का अंत मनोज साने ने सरस्वती की खौफनाक हत्या करके किया, जिससे हर कोई हैरान है। इस बीच पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद जो खुलासे किए हैं, वह बताते हैं कि मनोज साने ने पूरी प्लानिंग से कत्ल किया और शव को ठिकाने लगाने में जुटा था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मनोज साने ने सरस्वती की हत्या का पहले ही प्लान बना लिया था। उसने 4 जून को लिव इन पार्टनर सरस्वती की गला रेत कर हत्या की थी और फिर शव के कम से कम 20 टुकड़े किए। इसके लिए वह एक दिन पहले ही 4000 रुपये का इलेक्ट्रिक आरा खरीद कर लाया था, जिससे लकड़ी काटी जाती है। इसके अलावा उसके घर से एक टाइल कटर भी पाया गया है। पुलिस ने सरस्वती के शव के टुकड़े दो बाल्टियों में रखे पाए। इसके अलावा उसके शव का निचला हिस्सा अलग पाया गया है। एक तरफ किचन में वह शव को काटकर उबालता था तो वहीं रात के समय आराम से बेडरूम में जाकर सो जाता था।


राशन की दुकान पर सरस्वती से मिला था मनोज

डीसीपी जयंत बाजबाले ने कहा, 'मनोज साने का कहना है कि वह दिल्ली के श्रद्धा मर्डर से प्रभावित था और उसने आफताब की तरह ही सरस्वती को ठिकाने की योजना बनाई थी।' पुलिस का कहना है कि सरस्वती से करीब 10 साल पहले उसकी मुलाकात हुई थी। फिर दोनों मुंबई के मीरा रोड इलाके में ही रहने लगे और 5 साल तक रहने के बाद वह नई कॉलोनी में शिफ्ट हुए थे। इस फ्लैट में वह तीन साल से थे और उसका रेंट एग्रीमेंट मनोज साने के नाम पर ही था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मनोज और सरस्वती के बीच झगड़े एक की वजह आर्थिक भी हो सकती है।

5 हजार रुपये ही कमाता था साने, हो गया था बेरोजगार

मनोज साने की कमाई महज 5,000 रुपये ही थी और वह काम भी छूट गया था। हालांकि अपनी एक इमारत के किराये के तौर पर उसे महीने में 35,000 रुपये मिलते थे। इसी रकम में से वह 10,000 रुपये की रकम फ्लैट के किराये पर देता था। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा था। फिलहाल मनोज साने ने एक नई ही कहानी गढ़ दी है। उसका कहना है कि सरस्वती ने जहर खाकर जान दी थी और उसने बचने के लिए शव के टुकड़े किए थे ताकि उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज ना हो।

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