शादी के एक महीने बाद पति की हो गई थी मौत, दुखों का टूटा पहाड़; महिलाओं के लिए बनी मिसाल, सेना में बनी लेफ्टिनेंट

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शादी के एक महीने बाद पति की हो गई थी मौत, दुखों का टूटा पहाड़; महिलाओं के लिए बनी मिसाल, सेना में बनी लेफ्टिनेंट

 


शादी के एक महीने बाद पति की हो गई थी मौत, दुखों का टूटा पहाड़; महिलाओं के लिए बनी मिसाल, सेना में बनी लेफ्टिनेंट

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त्तराखंड के हल्द्वानी की रहने वाली सोनी बिष्ट महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गई हैं। शादी के एक महीने बाद ही उनके पति की मौत हो गई। इसके बाद एक-एक करके उनपर दुखों का पहाड़ टूटता चला गया।

इतने के बाद भी उन्होंने सेना का सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB)इंटरव्यू क्लियर किया और अब लेफ्टिनेंट बनने जा रही हैं। सोनी बिष्ट का चयन अब ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी (OTA) में हो गया है। ट्रेनिंग के बाद वह सेना में लेफ्टिनेंट हो जाएंगी।

बीता साल सोनी बिष्ट के लिए बहुत कठिन था। दिसंबर 2022 में सेना में सिपाही नीरज सिंह भंडारी के साथ उनकी शादी हुई थी। वह 18 कुमाऊं रेजिमेटं में तैनात थे। जनवरी 2023 में एक ऐक्सिडेंट में भंडारी की मौत हो गई। इसके बाद तो बिष्ट के जीवन में एक-एक करके दुख आने लगे। दामाद की मौत की खबर सुनकर उनकी मां को सदमा लगा और हार्ट अटैक आ गया। उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रख दिया गया। इसी बीच बिष्ट के छोटे भाई को लकवा मार गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बिष्ट ने खुद बताया, जीवन में ऐसी तीन घटनाएं हो गईं जिसके बाद समझ नहीं आ रहा था कि क्यू करूं। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे थे जिन्होंने मेरी हिम्मत बढ़ाई और फिर मैं तैयारी में लग गई। सोनी बिष्ट के पिता सुबेदार कुंदन सिंह ने अपने कुछ पूर्व अधिकारियों से मुलाकात की और बेटी की तैयारी करवाने के लिए आग्रह किया। बिष्ट ने आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की थी। इसके बाद जोधपुर में ग्रैजुएशन किया। उस समय उनके पिता वहीं पोस्टेड थे। बिष्ट ने कहा, बहुत सारे अधिकारी मेरे पिता को जानते हैं। उन्होंने मेरी हिम्मत बढ़ाई।

बिष्ट ने बताया कि उनके पति के कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें सेना के जवानों की विधवा वाले स्पेशल कोटा से ओटीए चेन्नई में अप्लाई करने को कहा। दरअसल पति की मौत के बाद वह डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुमाऊं रेजिमेंट गई थीं। इसी दौरान सेना के ऑफिसर ने उन्हें इसके बारे में बताया। बिष्ट की मदद एक रिटायर्ड सेना के अधिकारी मेजर जनरल यश मोर ने की। उन्होंने एसएसबी इंटरव्यू के लिए उनकी पूरी तैयारी करवाई।

बिष्ट के पिता ने कहा, मैंने अधिकारियों की टीम के साथ मिलकर सोनी के ग्रुप टास्क, साइकोलॉजिकल असेसमेंट और फिजिकल ट्रेनिंग करवाई। एक ही वैकेंसी के लिए कॉम्पटीशन आसान नहीं था। जो लोग कोटा से अप्लाई करते हैं उन्हें लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती है। हालांकि एसएसबी इंटरव्यू आसान नहीं होता। बिष्ट ने कहा, मेरी किस्मत थी कि मुझे इतने अच्छा लेगों का गाइडेंस मिला। हाल ही में रिजल्ट आया तो बिष्ट का चयन ओटीए के लिए हो गया था। जल्द ही उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी और इसके बाद वह सेना में कमीशन्ड अधिकारी लेफ्टिनेंट हो जाएंगी।

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