MNREGA Wage Hike: लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, मनरेगा मजदूरी में हुआ इजाफा, नोटिफिकेशन जारी

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MNREGA Wage Hike: लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, मनरेगा मजदूरी में हुआ इजाफा, नोटिफिकेशन जारी



MNREGA Wage Hike: लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, मनरेगा मजदूरी में हुआ इजाफा, नोटिफिकेशन जारी 



MGNREGA Rates: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव-2024 के पहले मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी का रेट बढ़ा दिया है। वित्त वर्ष 2025 के लिए मनरेगा योजना के तहत मजदूरी में औसतन 28 रुपये की बढ़ोतरी की है।
14 करोड़ से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा।

वित्त वर्ष 2025 में अब यह औसतन 289 रुपये है, जबकि बीते फाइनेंशियल ईयर में इसका औसत 261 था। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है। मनरेगा मजदूरों के लिए नई वेतन दरें 01 अप्रैल 2024 से लागू की जाएगी।

 

किस राज्य में कितनी बढ़ी मनरेगा दरें?

1. अधिसूचना के मुताबिक, हरियाणा में मनरेगा की दर सबसे ज्यादा बढ़ाई गई है। मनरेगा के तहत हरियाणा में रोजाना 374 रुपये मिलेंगे।
2. दूसरे नंबर पर गोवा है। गोवा में मनरेगा की मजदूरी दरों में 10.6 फीसदी बढ़ाई गई है और अब 34 रुपये ज्यादा दिए जाएंगे। गोवा में अब रोजाना 356 रुपये मिलेंगे।
3. तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 33 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। रोजाना 349 रुपये दिए जाएंगे।

4. केरल में मनरेगा के तहत रोजाना 346 रुपये मजदूरी दी जाएगी।
5. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दर में सबसे कम 3 बढ़ाई गई है। इन दोनों राज्यों में सिर्फ 07 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
6. वहीं 21 ऐसे राज्य हैं, जहां मनरेगा की मजदूरी में 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।


Mgnrega Scheme: जानिए क्या है मनरेगा स्कीम?

मनरेगा भारत सरकार की रोजगार गारंटी योजना है। ये दुनिया की सबसे बड़े रोजगार गारंटी योजनाओं में से एक है। ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) द्वारा इसका संचालन किया जाता है।
मनरेगा का फुलफॉर्म 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम' है। इसकी शुरुआत साल 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने की थी।
इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसी भी वयस्क को एक साल में 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी मिलती है। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की सुरक्षा को बढ़ाना है।
मनरेगा फिलहाल देश के सभी राज्यों में लागू है। देश के सभी राज्यों में संचालित ग्राम पंचायत स्तर यह योजना अब तक करोड़ों को लोगों को फायदा पहुंचा चुकी है।
मनरेगा योजना के तहत लाभ पाने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले पंजीकरण कराना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद मनरेगा जॉब कार्ड दिया जाता है। इसके बाद मनरेगा जॉब कार्ड धारक को 100 दिन का रोजगार करने का अधिकार मिलता है। अगर मनरेगा जॉब कार्ड मिलने के 14 दिनों के भीतर रोजगार ना मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का भी प्रावधान है।



MGNREGA नोटिफिकेशन के लिए मांगी गई चुनाव आयोग से इजाजत

बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मजदूरों दरों को नोटिफाई करने से पहले चुनाव आयोग से इसकी इजाजत मांगी थी. इसकी वजह ये है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस वक्त पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. एक बार जब आयोग से हरी झंडी मिल गई तो मंत्रालय ने तुरंत बढ़ी हुई मजदूरी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. बता दें कि मजदूरी दरों में बदलाव किया जाना एक नियमित प्रक्रिया रहा है.

संसद में दिए गए थे मजदूरी बढ़ाने के संकेत

इस साल संसद में पेश किए गए एक रिपोर्ट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसदीय स्थायी समिति ने राज्यों में मनरेगा मजदूरी दरों के कम-ज्यादा होने की जानकारी दी थी. समिति का कहना था कि अभी जो मजदूरी दी जा रही है, वो पर्याप्त नहीं है. अगर वर्तमान में रहने-खाने के खर्च को देखें तो इसके लिए मजदूरी दर काफी नहीं है.

संसदीय स्थायी समिति ने न्यूनतम मजदूरी पर केंद्र सरकार की समिति 'अनूप सतपथी कमिटी' की रिपोर्ट का भी हवाला दिया था. इसमें सिफारिश की गई थी कि मनरेगा कार्यक्रम के तहत मजदूरी 375 रुपये प्रतिदिन होनी चाहिए. इससे लगने लगा था कि सरकार मजदूरी में बढ़ोतरी करने वाली है.

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