मोदी सरकार ने बदल दिया मनरेगा का नाम , श्रमिकों के हुए बल्ले बल्ले 100 की जगह 125 दिन का मिलेगा रोजगार
नई दिल्ली। ग्रामीण भारत के करोड़ों श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है। केंद्रीय कैबिनेट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है।
अब इस योजना का नया नाम 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना' होगा और कार्यदिवस बढ़ाकर 100 से 125 दिन कर दिए जाएंगे। यह फैसला ग्रामीण रोजगार के ढांचे में बड़े सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है।
क्या है नया बदलाव?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैबिनेट ने दो प्रमुख संशोधनों को स्वीकृति दी-
योजना का नया नाम: पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना
कार्यदिवस बढ़ाकर: 100 से 125 दिन प्रति वित्त वर्ष
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा मजबूत होगी और अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा।
2005 में लागू की गई इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम रोजगार उपलब्ध कराना था। शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा गया, बाद में इसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) रखा गया। यह कानून ग्रामीण परिवारों को कम से कम 100 दिन का वैधानिक रोजगार सुनिश्चित करता है।
लगभग 20 साल बाद योजना के कई पहलू अब बदलते ग्रामीण ढांचे के अनुरूप नहीं रह गए थे। योजना पर बढ़ते बोझ, भुगतान में देरी, भ्रष्टाचार, तकनीकी समस्याएं और असंगत कार्यों ने इसकी प्रभावशीलता पर सवाल खड़े किए थे। इसलिए सरकार अब मनरेगा को नए स्वरूप में अधिक पारदर्शी, परिणामकारी और ग्राम-स्तर की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप बनाने की दिशा में काम कर रही है

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