छात्रों को जातिवाद पर विरोध करना पड़ा महंगा, 23 छात्रों को माखनलाल विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित

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छात्रों को जातिवाद पर विरोध करना पड़ा महंगा, 23 छात्रों को माखनलाल विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित




छात्रों को जातिवाद पर विरोध करना पड़ा महंगा 23 छात्रों को माखनलाल विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित 
भोपाल।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एक संविदा शिक्षक द्वारा जातिवादी बयानबाजी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले 23 छात्रों को विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया है।
आपको बता दें कि माखनलाल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता का कोर्स कराया जाता है, जिसमें सभी जाति, धर्म एवं संप्रदाय के लोग अध्ययनरत होते हैं ,और उसके बाद किसी न किसी प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्य करते हैं जिसे देश का चौथा स्तंभ माना जाता है, लेकिन इस विश्वविद्यालय के संविदा शिक्षक दिलीप मंडल एवं मुकेश कुमार दोनों जातिवाद की राजनीति करते हैं दिलीप मंडल का सोशल मीडिया अकाउंट अनुसूचित जाति , जनजाति के लोगों में असंतोष पैदा करने वाला नजर आता है। विश्वविद्यालय में नियुक्ति के बाद दिलीप मंडल मीडिया संस्थानों में जातिवाद के आंकड़े पेश करने में लगे हुए हैं। दिलीप मंडल का कहना है कि भारत के बड़े - बड़े मीडिया संस्थान ब्राह्मणवादी है, और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पत्रकारों को नियुक्ति नहीं करते, उनके इसी तरह के जातिवादी टिप्पणी के खिलाफ छात्र  शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।


पूर्व मुख्यमंत्री ने इसका निष्कासन वापस लेने की मांग


छात्रों के निष्कासन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर निष्कासन तुरंत वापस लेने को कहा, शिवराज सिंह चौहान विश्वविद्यालय की कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए लिखा। यह कार्यवाही बच्चों की आवाज दबाने वाले व लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास है। छात्रों को निष्कासित कर उनके भविष्य को तबाह करने का  खडयंत्र को हम कामयाब नहीं होने देंगे।

प्रदर्शन के दौरान हुई थी तोड़फोड़

पिछले गुरुवार 11 दिसंबर को छात्रों के एक समूह ने उप कुलपति के केबिन के सामने धरना दिया था, उस वक्त उपकुलपति भोपाल में मौजूद नहीं थे कुछ प्रदर्शनकारियों ने कैंपस में शीशा भी तोड़ दिया था। जिसके बाद पुलिस ने 13 दिसंबर को प्रदर्शन करने वाले करीब 10 छात्रों के खिलाफ शासकीय कार्य के व्यवधान और बलवा करने का मामला दर्ज किया था। वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जो छात्रों के आरोपों की जांच कर रही थी। जिसमें 23 छात्रों को विद्यालय से परीक्षा एवं प्रयोगिक परीक्षा से निष्कासित कर दिया है।

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